जयपुर। प्रदेश में जारी मानसून का दौर भले ही जयपुर संभाग में धीमा पड़ गया हो। लेकिन मानसूनी बरसात की मार अब नवाबों की नगरी टोंक भी देखने को मिल रही है। जहां बीसलपुर बांध के कैचमेंट एरिया में लगातार बरसात के जारी रहने से टोंक की बनास नदी में भी पानी की तेज आवक हो गई है।

यही वजह रही कि टोंक जिला मुख्यालय को मालपुरा, टोडारायसिंह और पीपलू उपखंड से जोडऩे वाली गहलोद रपट फिर एक बार पूरी तरह से टूट गया है। इसके उपरांत भी लोग अपनी जान जोखिम में डालने से चूक नहीं रहे हैं। दुपहिया वाहन चालक जहां गहरे पानी से गाडिय़ां बैखोफ निकाल रहे हैं तो राहगीर भी जान जोखिम डाल यात्रा कर रहे हैं। इसी तरह कई लोग पेयजल पाइप लाइन के जरिए रास्ता पार कर करने की जुगत में लगे हुए हैं, तो कोई गहरे पानी में ताकत लगाकर बाइक खेंच रहा है।

-सामने आई प्रशासनिक लापरवाही
इधर बनास नदी में आ रहे पानी के बीच से निकलते लोगों को सावचेत करने के मामले में प्रशासन बेपरवाह ही नजर आ रहा है। लोगों ने बताया कि ना तो कोई चेतावनी बोर्ड लगाया है ना कोई मुनादी करवाई है। हालात यह है कि रपटे को टूटे 18 घंटे से अधिक का समय हो गया है। लेकिन रास्ते को दुरुस्त करने के मामले में स्थानीय प्रशासन के साथ पीडब्ल्यूडी महकमा कोई कदम नहीं उठा रहा है। यहां तक की चेतावनी बोर्ड भी नदारद ही देखने को मिल रहे हैं। इस मार्ग से रोजाना हजारों की संख्या में लोग गुरजते हैं। जिनमें सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं। अब उन्हें 20 किलोमीटर लंबा फेरा लगाकर सोहेला-डिग्गी मार्ग से जाना पड़ रहा है।

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