-2019 में 38000 था, आज 70 हजार रुपए प्रति व्यक्ति कर्जा
जयपुर.बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री अनिता भदेल ने कहा कि गहलोत जब-जब शासन में आए, राजस्थान की आर्थिक स्थिति को कमजोर किया है। राजस्थान कर्ज में डूबता चला जा रहा है। आरबीआई ने कई बार सरकार को आगाह किया है। 2019 में प्रति व्यक्ति कर्ज 38 हजार रुपए था। वो अब 70 हजार रुपए हो गया है। जो करीब डबल है। 2023 के अंत तक ये कर्जा 86 हजार रुपए प्रति व्यक्ति होगा। 7 लाख करोड़ के आसपास राजस्थान की जनता पर कर्जा होगा। अनिता भदेल बीजेपी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर रही थीं। भदेल ने कहा बार-बार कहने के बावजूद राजस्थान में अस्थिरता के कारण निवेशक नहीं आ रहे। यहां पैरेलल इकोनॉमी चल रही है। इस कारण विकास पूरी तरह ठप हो गया है। सरकार इकोनॉमी को ठीक से मैनेज नहीं कर पा रही है। सारी योजनाएं बंद कर दी गई हैं। किसानों को 3 साल तक बिजली पर कांग्रेस सरकार ने सब्सिडी बंद रखी। यहां पेट्रोल-डीजल के दाम सबसे ज्यादा हैं। बीजेपी सरकार ने स्टेट हाईवे पर टोल खत्म कर दिया था, इस सरकार ने वापस लगा दिया। मंडी टैक्स वापस लगा दिया। सबसे ज्यादा मंडी टैक्स राजस्थान में है। सबसे महंगी बिजली राजस्थान में है। अनिल भदेल ने कहा आजादी से लेकर मार्च 2019 तक प्रदेश पर कुल कर्जे का भार 3 लाख 3 हजार 669 करोड़ रुपए था। कांग्रेस सरकार ने वर्तमान कार्यकाल में 2 लाख 76 हजार 578 करोड़ रुपए का कर्जा लिया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितना कर्ज लेकर घी पीने का काम गहलोत सरकार ने किया है। 4 साल के कार्यकाल में 70 साल जितना कर्जा ले लिया गया है। टोटल आज की तारीख में नया और पुराना कर्जा देखें, तो प्रदेश पर 7 लाख 18 हजार 293 रुपए कर्जा है। इस कर्जे से क्या किया, कुछ भी धरातल पर दिखाई नहीं दे रहा है। आंगनवाड़ी केंद्रों पर दूध पिलाने की योजनाए वसुंधरा सरकार के समय थी, इस सरकार ने वो बंद कर दी। स्कूलों में दूध पिलाने की योजना बंद कर दी। दो साल से गार्गी पुरस्कार कोविड के समय नहीं दिया। डवलपमेंट के नाम से कुछ भी नहीं किया। मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना में अस्पतालों के पास पैसा नहीं जा रहा। इसलिए वो धीरे-धीरे योजना से छिटक रहे हैं। अन्नपूर्णा योजना को बंद कर दिया। उसकी जगह इंदिरा गांधी रसोई योजना लेकर आए। लेकिन अन्नपूर्णा योजना की वैन कितनी थी और आज इंदिरा रसोई कितनी है सरकार को बताना चाहिए। भदेल बोलीं इंदिरा रसोई इक्का-दुक्का ही नजर आती है। सरकार कर्जा ले रही है, लेकिन कर्जे का क्या कर रही है ये नहीं बता रही।
-10 हजार करोड़ के 122 एमओयू निवेशकों ने रद्द किए
अनिता भदेल ने कहा ये सरकार कर्ज पर कर्ज लिए जा रही है। ट्रेजरी को खत्म करने का काम इस सरकार ने किया। 6 महीने में ही विभागों का बजट खत्म हो गया। सरकार ने कहा हम इनवेस्टमेंट समिट करेंगे। 10 लाख करोड़ रुपए का इनवेस्टमेंट राजस्थान में लाएंगे। जिसमें 9 लाख युवाओं को नौकरी मिलेगी। 10 हजार करोड़ रुपए के 122 एमओयू तो इम्प्लीमेंट होने से पहले ही निवेशकों ने रद्द कर दिए। सबसे ज्यादा महंगी बिजली होने के कारण जितने उद्योग-धन्धे पहले से लगे हुए थे, वो नई एक्सटेंशन यूनिट राजस्थान से बाहर लगा रहे हैं। भीलवाड़ा के उद्योगपति मध्यप्रदेश में पावरलूम हाउस की एक्सटेंशन यूनिट लगा रहे हैं। सीएम गहलोत ने 2021-22 और 2022-23 में घोषणा की थी कि हर उपखण्ड मुख्यालय और तहसील मुख्यालय पर औद्योगिक क्षेत्र डवलप करेंगे। 144 ऐसे उपखण्ड मुख्यालय अभी भी बचे हैं, जहां इंडस्ट्रीयल एरिया डवलप नहीं किया है। बहुत सारे टैक्स और सेस सिर्फ राजस्थान में लगे हैं। इंडस्ट्री पर इतने सारे टैक्स हैं कि वह टैक्स चुकाएं या अपना उद्योग धन्धा चालू रखें। बिल्डिग मटीरियल टैक्स के नाम पर 1 परसेंट टैक्स, फायर के रूप में 400 रुपए प्रति मीटर के हिसाब से सेस ले रहे हैं। यूडी टैक्स लागू है। इंडस्ट्री राजस्थान से जा रही है। सबसे ज्यादा बेरोजगारी इसीलिए राजस्थान में है। भारत की इकोनॉमी बढ़ रही है। अर्थव्यवस्था 5वें नंबर पर चली गई। लेकिन राजस्थान उलटी दिशा में जा रहा है क्योंकि यहां राजनीतिक अस्थिरता है। अनिता भदेल ने कहा राजस्थान में 8 करोड़ की आबादी है। उसमें अगर 1000 महिलाएं राहुल के साथ चलती हैं, तो क्या प्रतिशत है, अंदाजा लगाया जा सकता है। मंत्री शांति धारीवाल ने विधानसभा में स्टेटमेंट दिया था कि राजस्थान में बलात्कार इसलिए होते हैं क्योंकि ये मर्दों का प्रदेश है। मुख्यमंत्री ने स्टेटमेंट दिया था कि महिलाओं के 45 प्रतिशत मुकदमे फेक और गलत हैं। क्या ये महिलाओं की इज्जत और सम्मान के साथ खिलवाड़ नहीं है। महिलाओं को क्या समझ लिया है, क्या वो झूठी हैं। क्या वो ऐसे ही अपनी इज्जत के मुदकमें दर्ज करवा देती हैं। कई महिलाएं तो शर्म के कारण शिकायतें भी दर्ज नहीं करवाती हैं। ऐसी स्थिति में अशोक गहलोत कह रहे हैं कि महिलाएं झूठे मुकदमे दर्ज करवा रही हैं। उन्होंने महिलाओं को क्या साबित किया है।
– प्रदेश में बिजली का कृत्रिम संकट खड़ा किया
भदेल ने बिजली की महंगी रेट पर खरीद पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा बिजली का कृत्रिम संकट प्रदेश में खड़ा किया गया। समय पर कोयला लेना और बिजली की व्यवस्था करना राज्य सरकार का काम होता है। स्टेट गवर्नमेंट को अपनी डिमांड को टाइम पर जमा करवाना होता है। टाइम पर ऑर्डर मिलने के बाद उसे सप्लाई मिलती है। लेकिन सरकार ने टाइम पर डिमांड जमा नहीं करवाई। पहले जो कोयला खरीदा, उसका भी पैसा नहीं दिया। कृत्रिम बिजली संकट पैदा करके कमीशन खाने के लिए इस सरकार ने 18 रुपए प्रति यूनिट की रेट तक बिजली खरीदी। जबकि कंपनियों से खरीद का एमओयू किया हुआ था। कंपनियों से खरीदते तो 2.50 रुपए यूनिट बिजली मिलती। भारत वर्ल्ड में एनवायर्नमेंट सुधारने पर फोकस कर रहा है। लेकिन राजस्थान में कुसुम योजना के तहत सोलर एनर्जी की सरकार बिजली खरीद नहीं कर रही है। इसलिए राजस्थान में योजना का डिमोटिवेशन हो रहा है। कांग्रेस ने सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार किया है। ट्रांसपरेंसी के नाम पर सरकार जीरो है। कोई इस सरकार में खुश नहीं है। महिलाएं, मजदूर, किसान, युवा सभी परेशान हैं। मतदाता खुदको ठगा हुआ महसूस कर रहा है। जन आक्रोश यात्रा में जनसमर्थन मिल रहा है।

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