नयी दिल्ली। भारत ने सस्ते आयात से घरेलू कंपनियों को बचाने के लिए चीन के सिंथेटिक रबड़ डंप करने के मामले में जांच शुरू की है। गुजरात फ्लूरोकेमिकल्स ने डंपिंगरोधी एवं संबद्ध शुल्क महानिदेशालय के सामने इस मामले की जांच शुरू करने की मांग की थी। यदि यह पाया गया कि सिंथेटिक रबड़ की डंपिंग से घरेलू कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ा है तब महानिदेशालय रबड़ के आयात पर डंपिंगरोधी शुल्क लगाने का सुझाव दे सकता है।
महानिदेशालय ने जारी अधिसूचना में कहा है कि डंपिंग के पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध हैं। इसके तहत जुलाई 2016 से जून 2017 की अवधि की जांच की जाएगी। हालांकि नुकसान के आकलन के लिए 2014-17 के आंकड़े की भी जांच की जाएगी। महानिदेशालय चीन से कई अन्य उत्पादों जैसे कुछ रसायन आदि के डंपिंग की भी जांच करेगा।