Need to test the work area of the commission to cancel the complaint against the minister: the court

कोच्चि। केरल उच्च न्यायालय ने आज कहा कि राज्य के पूर्व मंत्री ए के शशिंद्रन के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत को निरस्त करने की मांग करने वाली याचिका पर फैसला करने से पहले उनके खिलाफ आरोपों की जांच करने वाले न्यायिक आयोग के कार्य क्षेत्र का परीक्षण करने की आवश्यकता है।n अदालत ने यह बात एक टीवी चैनल की एक महिला कर्मचारी की याचिका पर विचार करते हुए कही। उसने शशिंद्रन के खिलाफ जो यौन उत्पीड़न का मामला दायर किया था उसे निरस्त करने की मांग की है। महिला ने मामले को निरस्त करने की मांग करते हुए इस महीने की शुरूआत में अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

महिला ने कहा था कि उसके और शशिंद्रन के बीच मामले को अदालत के बाहर सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझा लिया गया है। उच्च न्यायालय में याचिका तब दायर की गई थी जब तिरुवनंतपुरम की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। न्यायमूर्ति सुनील थॉमस ने न्यायमूर्ति पी एस एंटनी आयोग के कार्य क्षेत्र का आज ब्योरा मांगा। उन्होंने इस मामले की जांच की थी। न्यायाधीश ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 12 दिसंबर निर्धारित कर दी। शशिंद्रन को इस साल मार्च में राज्य के परिवहन मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उन्होंने एक महिला से अश्लील बातचीत का कथित ऑडियो क्लिप सामने आने के बाद इस्तीफा दिया था। महिला ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि पिछले साल आठ नवंबर को एक चैनल के लिये उनका साक्षात्कार लेने के लिये जब वह उनके आवास पर गई तो शशिंद्रन ने उसके साथ बदसलूकी की।

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