Uddhav Thackeray
Uddhav Thackeray

मुम्बई। एशिया की सबसे बड़ी और धनी महानगर पालिकाओं में शुमार बीएमसी चुनाव में किसी को भी बहुमत नहीं मिलने पर अब गठबंधन का दौर तेज हो गया है। भाजपा-शिवसेना में गठबंधन की चर्चा है तो अंदरखाने शिवसेना और कांग्रेस के बीच भी बीएमसी बोर्ड गठित करने की कवायद गुपचुप तरीके से चल रही है। बताया जाता है कि शिवसेना भाजपा के बढ़ते जनाधार से चिन्तित है और वह भाजपा को रोकना चाहती है। शिवसेना के नेताओं का मानना है कि शिवसेना के सहारे भाजपा इतनी आगे बढ़ गई है, अब वह शिवसेना के अस्तित्व के लिए खतरा बनने लगी है। इन्हीं अंदेशों को देखते हुए शिवसेना अंदरखाने कांग्रेस से गठजोड करके बीएमसी बोर्ड बनाने में लगे हैं। चर्चा है कि एक नेता को कांग्रेस नेताओं के पास इस बारे में बातचीत के लिए भेजा भी है। महाराष्ट्र के निकाय चुनाव में बुरी तरह से पराजित कांग्रेस भी चाहती है अपना वजूद बनाए रखने के लिए वह या तो सरकार में मिलकर या बाहर से शिवसेना को समर्थन कर सकती है। इससे भाजपा-शिवसेना में अलगाव बढ़ेगा तो कांग्रेस को फायदा होगा। क्योंकि बीएमसी में कांग्रेस और शिवसेना मिलकर आते हैं तो देवेन्द्र फ ड़णवीस सरकार के लिए खतरे की घंटी हो सकती है। अगर यह हुआ तो शिवसेना भाजपा से समर्थन वापस ले सकती है और भाजपा शिवसेना के बीच दूरी बढ़ सकती है। एनडीए अलायंस में टूट होगी सो अलग। हालांकि भाजपा-शिवसेना के नेता दोनों दलों के सहयोग से बोर्ड बनाने की संभआवना तलाश रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बयान भी दिया है कि वर्तमान हालात में भाजपा-शिवसेना को साथ आना चाहिए। शिवसेना ने भी भाजपा से हाथ मिलाने की संभावना को खारिज नहीं किया है।

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