देश में कोरोना की तीसरी लहर की आहट प्रारंभ हो गई। शनिवार को डेढ़ लाख केस कोरोना के दर्ज किए गए हैं। रविवार को भी यह आंकड़ा इससे अधिक ही रहा। शुक्रवार को एक लाख सत्रह हजार मरीज सामने आए थे। यानि अब हर रोज एक लाख से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। हर सप्ताह में यह आंकड़ा दुगुना भी हो रहा है। कोरोना के बढ़ते केसों के साथ ही अस्पतालों में भी मरीज भर्ती होने लगे हैं। जैसे जैसे केस बढ़ेंगे, वैसे ही अस्पतालों में मारामारी मचेगी। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मान रहे हैं कि फरवरी के प्रथम सप्ताह में देश में कोरोना पीक पर पहुंच जाएगा। तीसरी लहर की शुरुआत हो चुकी है। वैक्सीन की दो डोज लेने वाले व्यक्ति भी संक्रमित हो रहे हैं। मौतें भी होनी लगी है। हालांकि वैक्सीनेशन की वजह से पहले जितना घातक नहीं बताया जा रहा है, लेकिन संक्रमण तीन से पांच गुणा होने के कारण तेजी से फैल रहा है। इसका सबसे ज्यादा खतरा बच्चों पर आने वाला है। कोरोना से बच्चों को बचाने के लिए अभिभावकों को काफी सतर्कता बरतनी होगी।
देश में और राजस्थान में भी बच्चों में कोरोना के लक्षण मिले हैं। यह हर जिले में आए हैं। जयपुर से सौ से अधिक बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। कुछ बच्चों को तबीयत खराब होने पर आरयूएचएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया। सरकार भी बच्चों पर खतरे को देखते हुए सरकार ने भी 15 से 18 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरु कर दिया है। रविवार को दो करोड़ से अधिक बच्चों को पहली डोज लग भी चुकी है, लेकिन पन्द्रह साल तक के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन नहीं हो रहा है। इस आयु वर्ग के काफी बच्चे जो नौवीं, दसवीं क्लास में हैं, वे स्कूलों में आ रहे हैं। कोचिंग जा रहे हैं। ऐसे में इन बच्चों के संक्रमित होने का खतरा भी है। सरकार को चाहिए कि बढ़ते केसों को देखते हुए जब तक सभी बच्चों के वैक्सीनेशन नहीं हो जाए, तब तक बाहरवीं क्लास तक के स्कूलें बंद कर दी जाए। कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और कोचिंग संस्थानों में भी सरकारी कायालयों की तर्ज पर पचास पचास फीसदी के हिसाब से छात्रों को बुलाया जाए। विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों में संक्रमण तेजी से फैल सकता है। एक तो कोविड नियमों की पालना पूरी तरह से नहीं करने और दूसरी तरफ वैक्सीनेशन नहीं होने से यह रोग सर्वाधिक तौर पर बच्चों पर असर करेगा। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वे पहली व दूसरी लहर के भयावह हालात को देखते हुए अभी से बच्चों से जुड़े अस्पतालों में ऑक्सीजन, वेंटीलेटर की व्यवस्था करके रखे। बच्चों के वैक्सीनेशन की रफ्तार को बढ़ाए। सभी शिक्षण संस्थानों को बंद कर दे और घर से ऑनलाइन पढ़ाई शुरु की जाए। अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों को कोविड नियमों की जानकारी दें। भीडभाड में जाने से रोकें। हो सके तो कुछ दिनों तक बच्चों को ट्यूशन, कोचिंग, खेलकूद से दूर रखें। तभी देश में आ रही तीसरी लहर से नौनिहालों को बचाया जा सकेगा और खुद भी सुरक्षित रह सकेंगे।

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