Support of various institutions with government efforts to eradicate leprosy disease is also important: experts

नयी दिल्ली। कुष्ठ रोग से लड़ने के लिए सरकार के नेतृत्व में एक सहयोगी और मजबूत प्रयास की जरूरत बताते हुए विशेषज्ञों ने कहा कि लेप्रोसी को लेकर काफी नवाचार कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं ताकि इन मामलों का शुरूआत में ही पता लगाकर और रोकथाम करके विकलांगता को रोकने में मदद मिल सके। लेप्रोसी पर यहां आयोजित एक सम्मेलन में कहा गया कि सरकार के प्रयासों के साथ कुष्ठ रोग के क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न संस्थाओं का समर्थन भी बेहद जरूरी है।भारत में कुष्ठरोग उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित करने, हर स्तर पर हितधारकों के साथ बेहतर प्रयासों को साझा करने और कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों से बातचीत करने के लिए यहां तीन दिवसीय राष्ट्रीय कुष्ठ रोग सम्मेलन का आयोजन किया गया। नोवार्टिस फाउंडेशन, दि निप्पॉन फाउंडेशन, आईएलईपी, डब्ल्यूएचओ, एचकेएनएस, आईएई और सेंट्रल लेप्रोसी डिवीजन (सीएलडी) के सहयोग से आयोजित सम्मेलन का आज यहां समापन हुआ। इसका उद्देश्य सभी हितधारकों को एक साथ लाने, एक-दूसरे के साथ उनके अनुभवों को साझा करने, एक-दूसरे से सीखने और राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम में आगे सुधार लाने हेतु जरूरी कदमों की सिफारिश करने के लिए एक मंच प्रदान करना था।

इस मौके पर विशेषज्ञों ने कहा कि रुझानों से पता चलता है कि भारत के समाज में अभी भी बहुत से मामले अज्ञात हैं और बीमारी का प्रसार लगातार जारी है। सरकार और मंत्रालय ने कुष्ठ रोग मुक्त भारत बनाने के लिए अपने प्रयासों को अंतिम छोर तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता को दोहराया है। नेदरलैंड लेप्रसी रिलीफ इंडिया (एनएलआर इंडिया) के कंट्री डायरेक्टर डॉ एम ए आरिफ ने कहा कि हमारा उद्देश्य यहां सम्मिलित राष्ट्रीय एवम अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों, जमीनी स्तर पर काम करने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं आदि के साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य चर्चा करना है। उन्होंने बताया कि लेप्रोसी को लेकर काफी नवाचार कार्यक्रम किये जा रहे हैं जिसके तहत ऐंडेमिक डिस्ट्रिक्ट (जहां अधिकतम केस होने की संभावना है) में अभियान चलाया गया और हाउस सर्च की गयी जिससे कि इन मामलों का शुरूआत में ही पता चल सके और रोकथाम की जा सके। इससे विकलांगता को रोकने में मदद मिलेगी। आयोजकों की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत डॉ अनिल कुमार, डीडीजी(एल) के नेतृत्व में केंद्रीय कुष्ठ रोग प्रभाग ने इस संख्या में तेजी से कमी लाने के लिए कई कठोर कदम उठाए हैं।

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