Army's auditor had to take bribe from contractor for 2 years in jail

जयपुर। ठेकेदार के बिल पास करने की एवज में 35०० रुपए की रिश्वत लेते 28 अक्टूबर, 2००9 को रंगे हाथ गिरफ्तार किए गए सेना की दक्षिण-पश्चिम कमान के खातीपुरा कार्यालय रक्षा लेखा प्रधान नियंत्रक में तत्कालीन वरिष्ठ लेखा परीक्षक अश्विनी कुमार अग्रवाल (54) निवासी ए.के. गोपालन नगर, खातीपुरा हाल पीडब्ल्यूडी क्वार्टर सेक्टर दो, विद्याधर नगर जयपुर को सीबीआई मामलों की विशेष अदालत क्रम दो में जज सुधीर पारीक ने बुधवार को दो साल के कठोर कारावास तथा 2० हजार रुपए के जुमार्ने की सजा सुनाई। अभियुक्तम अग्रवाल के खिलाफ ठेकेदार दीपक कुमार शर्मा के सीबीआई में शिकायत दर्ज करवाई थी कि वह भारतीय सेना की दक्षिण-पश्चिम कमान में स्टेशनरी सामान की आपूर्ति करता है। 1,83,991 रुपए के बिल की सीडीए आॅफिस में लम्बित है। बिल पास करने की एवज में अभियुक्त 3 प्रतिशत की रिश्वत मांग रहा है। बाद में दो प्रतिशत के हिसाब से 35०० रुपए में सौदा तय हुआ। 28 अक्टूबर, 2००9 को सीबीआई ने अभियुक्त को 35०० रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर 3 जुलाई, 2०1० को कोर्ट में चालान पेश किया। कोर्ट ने 1० मार्च 2०14 को चार्ज सुनाए। सीबीआई पीपी प्रियंका पारीक ने 15 गवाहों के बयान करवाए। इसी एफएसएल रिपोर्ट में बातचीत के दौरान रिकार्ड की गई आवाज अभियुक्त की प्रमाणित हुई।

परिवादी के खिलाफ चलेगा मुकदमा 
सीबीआई में शिकायत दर्ज कराने वाला ठेकेदार दीपक कुमार शर्मा अदालत में बयानों से पलटी मार गया। सीबीआई ने उसे कोर्ट में पक्षद्रोही घोषित करवाया। न्यायालय में मिथ्या साक्ष्य गढ़ने को गंभीर बताते हुए कोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 344 के अन्तर्गत परिवादी के खिलाफ संक्षिप्त विचारण करने के आदेश देते हुए नोटिस जारी करने को कहा है। अभियुक्त को परिवीक्षा का लाभ देने की दलील पर कोर्ट ने आदेश में कहा कि अभियुक्त पर सिद्ध अपराध भ्रष्टाचार जैसे सामाजिक आर्थिक व्यवस्था के विरुद्ध होकर घृणित प्रकृति का है।

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