जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा के उन्नयन, व्याख्याताओं को प्राचार्य के पद पर पदोन्नति के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने तथा रीट परीक्षा-2021 पास कर चुके बीएड के अध्ययनरत विद्यार्थियों को अध्यापक भर्ती-2021 में आवेदन के अवसर उपलब्ध कराने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय किए हैं। गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर शुक्रवार को आयोजित शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में यह अहम निर्णय किए हैं, जो इस प्रकार हैं-
• प्रदेश के 11 हजार 353 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में उप प्रधानाचार्य के पद का सृजन होगा।
• राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के 3 हजार 533 प्रधानाध्यापकों के कैडर को डाइंग कैडर घोषित किया जाएगा। इन विद्यालयों में अब प्रधानाचार्य लगाए जाएंगे। इसके लिए प्रधानाचार्य के नए पद भी सृजित किए जाएंगे।
• इस निर्णय से स्कूल शिक्षा में व्याख्याताओं को पदोन्नति के बेहतर अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।
• कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के चलते बीएड में अध्ययनरत अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम रीट-2021 के परीक्षा परिणाम से पूर्व घोषित नहीं हो पाया है। इन अभ्यर्थियों को राजस्थान प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय अध्यापक सीधी भर्ती में आवेदन की अंतिम दिनांक तक शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक योग्यता प्राप्त करने का अवसर दिया जाएगा।
• गहलोत के इस निर्णय से बड़ी संख्या में बीएड में अध्ययनरत अभ्यर्थी अध्यापक सीधी भर्ती के पात्र हो सकेंगे।
• बैठक में अध्यापक भर्ती परीक्षा प्रक्रिया को और बेहतर बनाने के लिए भविष्य में पात्रता परीक्षा के बाद चयन के लिए अलग से परीक्षा आयोजित कराने पर भी विचार विमर्श किया गया।
शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि शिक्षकों की लंबे समय से पदोन्नति के अवसर बढ़ाने की मांग चली आ रही थी। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से प्रदेश के हजारों व्याख्याताओं को पदोन्नति का मौका मिल सकेगा। साथ ही इससे माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
बैठक में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा पी.के. गोयल, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर के अध्यक्ष डीपी जारौली, प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोरा, प्रमुख शासन सचिव पंचायतीराज अपर्णा अरोरा, प्रमुख शासन सचिव कार्मिक हेमन्त गेरा, शासन सचिव उच्च शिक्षा एनएल मीना, माध्यमिक शिक्षा निदेशक कानाराम, समग्र शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक भंवरलाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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