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जयपुर। पैरामेडिकल कोर्स के प्रथम वर्ष की परीक्षा का पेपर 7० अंकों का होने के बावजूद कॉपियों की जांच 1०० अंकों के आधार पर करने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान पैरामेडिकल कौंसिल और आरयूएचएस के परीक्षा नियंत्रक को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।
इस संबंध में पंकज सैनी ने याचिका दायर कर हाईकोर्ट को बताया कि पैरामेडिकल कोर्स के प्रथम वर्ष की परीक्षा गत अप्रैल माह में ली गई। जिसमें प्रत्येक प्रश्न पत्र सत्तर अंकों का रखा गया। 7 अक्टूबर को जारी परिणाम से पता चला कि परीक्षार्थियों को अंक 1०० अंको में से दिए गए। जिसके कारण 92 प्रतिशत परीक्षार्थी परीक्षा में फेल हो गए।

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