Appeal against acquittal in 2004, pending retirement can not be canceled: High court

जयपुर। 2004 में बरी होने के खिलाफ अपील लंबित होने के आधार पर सेवानिवृत्त के परिलाभ रोकने को राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश एस पी शर्मा की एकलपीठ ने गलत बताते हुए राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसके तहत याचिकाकर्ता वीरेन्द्ग कुमार सिंघल को ग्रेच्युटी राशि देने से इंकार कर दिया गया था। हाईकोर्ट ने निगम को तीन माह में नौ फीसदी ब्याज सहित बकाया राशि का भुगतान करने के भी निर्देश दिए हैं। सहायक अभियंता के पद से सेवानिवृत्त हुए सिंघल का याचिका में कहना था कि वह 2013 में सेवानिवृत्त हुआ था, लेकिन निगम ने उसकी ग्रेच्यूटी राशि को यह कहते हुए रोक लिया कि उसके खिलाफ एसीबी मामले में 2004 में बरी किए जाने की अपील हाईकोर्ट में लंबित है।

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