जयपुर। कैंसर रोग के उपचार में महत्वपूर्ण चिकित्सा पद्वति मानी जाने वाली रेडिएषन थैरेपी के जरिए अब कैंसर रोग का उपचार महज पांच दिनों में करना संभव हो सकता है। जिसके तहत ट्रयू बीम एसटीएक्स लीनियर एक्सीलरेटर के जरिए रेडिएषन देकर शरीर में कैंसर की गांठ को चंद घंटों की थैरेपी से खत्म किया जा सकता है। इस पद्वति के जरिए रोगी को टारगेट थैरेपी देकर ना सिर्फ कैंसर कोषिकाओं को खत्म करना संभव है बल्कि कैंसर रोग के पुनः होने की संभावना को भी कम किया जा सकता है। यह जानकारी अपोलो हॉस्पिटल चेन्नई के डॉ राकिष जलाली ने ”बिमकॉन-टप् एंड राज-एरोइकॉन“के दौरान दी। एसोसिएषन ऑफ रेडिएषन ऑन्कोलॉजी ऑफ इंडिया और भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर जयपुर की ओर से एंटरटेनमेंट पैराडाइज में शुरू हुई दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस के शनिवार को फेप कवर कोठारी ओरिएषन का आयोजन किया गया। ओरिएषन के मुख्य वक्ता वरिष्ठ रेडिएषन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ जे पी अग्रवालने रेडिएषन थैरेपी चिकित्सा पद्वति में मौजूद चुनौतियों और अवसर पर चर्चा की।

कॉन्फ्रेंस का आगाज जिस ब्रेन टयूमर के उपचार में रेडियो सर्जरी की भूमिका पर आयोजित सत्र के साथ हुआ। इसमें रेडियो सर्जरी की बारीकियों पर चर्चा की गई। कॉन्फ्रेंस के उदघाटन सत्र के मुख्य अतिथि टीएमएच मुंबई के डॉ तेजपाल गुप्ता और विषिष्ठ अतिथि एसोसिएषन ऑफ रेडिएषन ऑन्कोलॉजी ऑफ इंडिया के सचिव डॉ जी वी गिरी ने कैंसर उपचार में रेडिएषन थैरेपी की भूमिका के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर चिकित्सालय के अध्यक्ष नवरतन कोठारी, प्रबंधन्यासी विमलचंद सुराणा, वरिष्ठ उपाध्यक्षा अनिला कोठारी, कोषाध्यक्ष डॉ प्रेमसिंह लोढा भी मौजूद थे। इस दौरान चिकित्सालय के अधिषासी निदेषक डॉ मेजर जनरल एस सी पारीक सेवानिवृत ने चिकित्सालय में उपलब्ध सेवाएं व चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कॉन्फ्रेंस में 250 रेडिएषन ऑन्कोलॉस्टि ने भाग लिया।

टारगेट थैरेपी से उपचार के दुष्प्रभाव हुए कम

दिल्ली के डॉ ए के आन्नद ने बताया कि कैंसर उपचार में रेडिएषन थैरेपी के जरिए अब टारगेट थैरेपी दी जाती है। जिसकी वजह से रेडिएषन की किरणें सीधे कैंसर कोषिकाओं को ही नष्ट करती है, स्वस्थ कोषिकाओं को नुकसान पहुंचाने से रोका जा सकता है। जिसकी वजह से उपचार के दुष्प्रभावों को भी कम करना संभव हो पाया है। कॉन्फ्रेंस की आयोजक सचिव डॉ निधि पाटनी ने बताया कि कॉन्फ्रेंस के पहले दिन 14 सत्र आयोजित हुए। जिसमेें ब्रेन टयूमर, लंग कैंसर, गर्भाषय कैंसर, स्तन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर सहित विभिन्न तरह के कैंसर के उपचार के लिए मौजूद आधुनिक चिकित्सा पद्वतियों के बारे में देषभर से आए विषेषज्ञों ने विस्तार से चर्चा की। एसआरएस एंड एसआरटी, प्रोटोन थैरेपी जैसी आधुनिक चिकित्सा पद्वतियों का उपयोग हर तरह के कैंसर के उपचार में किस तरह किया जा सकता इस वरिष्ठ चिकित्सकों ने जानकारी दी।

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