Ram Lala

नई दिल्ली। हर साल दशहरा पर्व से पहले दिल्ली के बहुत से इलाकों में छोटी बड़ी रामलीलाओं के आयोजन होते हैं। ज्यादातर रामलीलाओं में लाइव मंचन होने लगे हैं, मगर अभी भी कुछ इलाके हैं। इनमें प्रोजेक्टर के जरिए स्क्रीन पर सबसे पुरानी और फेमस रामायण के एपिसोड दिखाए जाते हैं। कुछ इसी तरह के नजारे वेलकम इलाके में होने वाले श्री दुर्गा रामलीला कमिटी के आयोजनों में भी देखने को मिलते हैं, जहां कमिटी प्रोजेक्टर के जरिए स्क्रीन पर रामायण दिखाती है। मगर यहां जो सबसे खास बात है, वह 40 सालों से मुस्लिम बहुल इलाके के बीचो बीच होने वाले आयोजन और इसके बावजूद यहां जुटने वाली भीड़ है, जो कि इस रामलीला कमिटी का महत्व और बढ़ा देती है।

इस रामलीला के आयोजन की एक खासियत यह भी है कि यहां हर दिन रामलीला से पहले मस्जिद में अजान होती है, इसके बाद राम लला के पूजन का ऐलान होता है। इस तरह से यहां रामलीला का आयोजन अपने आप में खास है, जो कि आपसी प्रेम, तालमेल और धार्मिक सदभाव की अनोखी छटा बिखेरता है। वेलकम की श्री दुर्गा रामलीला कमिटी के सदस्यों का कहना है कि वह यहां इतने लंबे समय से रामलीला का आयोजन करते आ रहे हैं, मगर कभी किसी तरह की बाधा नहीं आई। यहां ज्यादातर आबादी मुस्लिम है, मगर इसके बावजूद हिंदूओं के हर त्योहार पर मुस्लिम समाज के लोगों का पूरा सहयोग मिलता है। ठीक उसी तरह से जब कोई मुस्लिमों का त्योहार आता है, तो हिंदू भी उसे पूरी जिंदादिली से मनाते हुए एक दूसरे के साथ खुशियां साझा करते हैं।

यह रामलीला किसी दूसरी रामलीला की तरह लाइव मंचन प्रस्तुत नहीं करती, यहां न तो किसी तरह का शोर शराबा होता है और न ही बहुत भव्य मंचन होता है। मगर इसके बावजूद यहां सभी धर्मों से जुड़े परिवारों के लोग बच्चों से लेकर बुजुर्ग सदस्य तक स्क्रीन पर रामायण देखने के लिए रोजाना पहुंचते हैं। इस तरह से यहां का दूसरी रामलीलाओं से परे बेहद शांत और सुकून भरा माहौल अपने आप में बेहद खास एहसास दिलाता है।

 

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