जयपुर। गैंगस्टर आनंदपाल सिंह पुलिस के समक्ष सरेंडर करने को तैयार था। वह तो सुरक्षा मिलने के साथ ही जेल से जाने के लिए भी तैयार था। लेकिन पुलिस ने उसे सरेंडर करने नहीं दिया। इसके बजाय पुलिस ने उसे फर्जी एनकाउंटर कर मौत के घाट उतार दिया।

यह बात आनंदपाल के वकील एपी सिंह ने गुरुवार को पिंकसिटी प्रेस क्लब में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर यह बात कही। एडवोकेट एपी सिंह ने कहा कि आनंदपाल की मंशा तो सरेंडर करने की थी। यही वजह रही कि इसके लिए वे खुद राज्यपाल कल्याण सिंह, गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया और मुख्य न्यायाधीश से मिले थे। इस मामले में उन्होंने ज्ञापन भी दिया था। इसके विपरित पुलिस उसे सरेंडर नहीं कराना चाह रही थी। पुलिस तो आनंदपाल का एनकाउंटर कर गेलेन्ट्री प्रमोशन, अवार्ड लेना चाह रही थी। अब सरकार अपनी खामियों पर पर्दा डालने के लिए आनंदपाल के शव का जल्द से जल्द अंतिम संस्कार कराना चाहती है। सरकार इसके लिए अब पूरा दबाव बना रही है। लोगों को धमकाने के साथ ही आनंदपाल को श्रद्धाजंलि देने के लिए उसके गांव आने वाले लोगों के साथ मारपीट कर झूठे मुकदमे लगा कर बंद करने पर तूली है। बीकानेर जेल में भी आनंदपाल पर जानलेवा हमला किया गया था, यहीं कारण था कि वह जेल से फरार हुआ था।

राजपूत करणी सेना प्रदेशाध्यक्ष अजीत सिंह मामडोली ने कहा कि पीडि़त परिवार को न्याय मिलना चाहिए और एनकाउंटर की सीबीआई जांच करानी चाहिए। राजस्थान बुुनकर संघ के पूर्व चेयरमैन राधेश्याम सिंह तंवर ने कहा कि एनकाउंटर के बाद उसके परिवार को दी जा रही प्रताडऩा रोकी जानी चाहिए। प्रदेश रावणा राजपूत महासभा प्रदेशाध्यक्ष रणजीत सिंह सोडाला ने चेतावनी दी कि सरकार को अब इसके परिणाम भुगतने ही होंगे।

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