Action on 'smuggling' of Muslim girls on the pretext of marriage: Home Ministry

नयी दिल्ली। केन्द्र सरकार ने पश्चिम एशियाई देशों में निकाह के बहाने भारत से नाबालिग मुस्लिम लड़कियों की कथित तौर पर तस्करी किए जाने की समस्या पर अंकुश लगाने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ‘उचित कार्रवाई’ करने को कहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग द्वारा इस संदर्भ में किए गए आग्रह पर संज्ञान लेते हुए सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के गृह विभाग के सचिव/प्रधान सचिव को हाल ही में इस आशय का पत्र भेजा है। इस पत्र में गृह मंत्रालय ने कहा है, ‘‘राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने गृह मंत्री :राजनाथ सिंह: को 22 सितंबर को पत्र लिखकर यह मुद्दा उठाया था कि निकाह की आड़ में देश के विभिन्न हिस्सों से मुस्लिम महिलाओं एवं नाबालिग लड़कियों की पश्चिम एशियाई देशों में तस्करी की जा रही है।’’ मंत्रालय ने कहा, ‘‘आपसे आग्रह किया जाता है कि इसका संज्ञान लें और मामले में उचित कार्रवाई करें।’’ गृह मंत्रालय ने सीबीआई के निदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग में संयुक्त सचिव (महिला कल्याण एवं साइबर अपराध) और विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव :खाड़ी: को भी इस पत्र की प्रति भेजी है।

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सैयद गैयूरुल हसन रिजवी ने आयोग के समक्ष आई शिकायतों का संज्ञान लेते हुए 22 सितंबर को गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर इस मामले में कार्रवाई के लिए राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों तथा दूसरी संबंधित एजेंसियों को निर्देश देने का आग्रह किया था। रिजवी ने ‘भाषा’ से कहा, ‘‘गृह मंत्रालय ने राज्यों और दूसरी एजेंसियों से कार्रवाई के लिए कहा है और उम्मीद की जानी चाहिए कि ऐसे मामलों पर अंकुश लगेगा। नयी दिल्ली के निजामुद्दीन-वेस्ट के निवासी एवं वकील महमूद प्राचा ने आयोग से शिकायत की थी कि ‘निकाह की आड़ में देश के विभिन्न भागों से मुस्लिम महिलाओं एवं नाबालिग लड़कियों की ओमान, कतर और दूसरे पश्चिमी देशों में तस्करी की जा रही है, जो एक गंभीर मामला है।’’ रिजवी ने कहा, ‘‘यह बहुत गंभीर विषय है। शादी के नाम पर मुस्लिम लड़कियों को प्रताड़ित किया जाता है या बेच दिया जाता है और उनसे जबरन जिस्मफरोशी करायी जाती है। इस तरह की शिकायतें हैं कि पहले से शादीशुदा ऐसे लोग कई लड़कियों से नौकरानी का काम कराते हैं। इस मामले में सख्ती से निपटने की जरूरत है क्योंकि इससे देश की बदनामी होती है।’’

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