नई दिल्ली। पंजाब और गोवा विधानसभा चुनावों में शिकस्त खाने के बाद आम आदमी पार्टी में अन्दर ही अन्दर लड़ाई छिड़ती नजर आ रही है। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही है कि आम आदमी पार्टी किसी भी समय विभाजित हो सकती है। इस स्थिति में सीएम अरविंद केजरीवाल को समझ नहीं आ रही है कि पहले ही वे दो राज्यों में हार का मुंह देख रहे हैं। ऐसे में अब दिल्ली एमसीडी चुनाव में पार्टी को फतेह कैसे दिलाई जाए। हाल ही बवाना से विधायक वेद प्रकाश आप का दामन छोड़कर भाजपा के खेमे में चले गए। वहीं 4 अन्य विधायक इन दिनों कांग्रेस पार्टी के लगातार संपर्क में है। इसी तरह चर्चा भी उभरकर सामने आ रही है कि आप के 30 अन्य विधायक भी पार्टी को टाटा कर सकते हैं। ऐसे में यदि ये विधायक अपना खेमे बदलते हैं तो आम आमदी पार्टी अपने चुनाव चिन्ह झाडू के तनीकों की तरह बिखर सकती है। सूत्रों ने बताया कि हाल ही 4 विधायकों ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकात की। इन विधायकों ने अपने 31 अन्य साथी विधायकों के समर्थन का पूरा आश्वासन दिया। इधर आप पार्टी के दो दर्जन विधायकों की सदस्यता चुनाव आयोग समाप्त करने में है। जिससे अब यह स्थिति भी उभरने लगी है कि कहीं आगामी कुछ माह के भीतर अन्य राज्यों के साथ-साथ दिल्ली में भी मध्यावधि चुनाव न हो जाए। गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा के लिए आप पार्टी के 67 विधायक चुनकर आए थे। इनमें कई बागी हो चुके हैं। जबकि कुछ को पार्टी ने ही दंड दे दिया।

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