नई दिल्ली। दिल्ली की आप सरकार के फैसलों की समीक्षा को लेकर बनी शुंगलु समिति की रिपोर्ट से सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को गहरा आघात लगा है। अन्ना समिति की रिपोर्ट पढ़कर इतने दुखी हुए कि उन्हें यह कहना पड़ा कि सीएम बनने के बाद अरविंद केजरीवाल ने उनके सपनों को तोड़ दिया। सीएम केजरीवाल की आचोलना करते हुए कहा कि सत्ता के लिए वे सिद्धांतों को पूरी तरह भूल चुके हैं। भ्रष्टाचार को लेकर जो आंदोलन शुरू हुआ, उस दरम्यान वे मेरे साथ कंधे से कंधा मिलाकर अग्रिम पंक्ति में लड़े। उस दरम्यान लगा कि वे शिक्षित हैं और भ्रष्टाचार के खात्मे को लेकर मेरे सपनों को वे ही पूरा करेंगे। लेकिन जिस तरह से उन्होंने सत्ता में आने के बाद काम किया और शुंगलु समिति जो रिपोर्ट पेश की उससे तो मेरे सपनों को चूर-चूर ही कर दिया। रालेगण सिद्धि से एक बयान जारी कर उन्होंने केजरीवाल की कड़ी आचोलना की और कहा कि केजरीवाल को कानून और संविधान का उल्लंघन नहीं करना चाहिए था। सत्ता के मद में चूर केजरीवाल ने नियम तोड़े और जो कार्य किए मैं उनका समर्थन कतई नहीं करता। पहले तो वह बड़ी अच्छी बाते करता, कहता नेता को विचारां और कर्मों की शुद्धता बनाए रखनी चाहिए, बेदाग जीवन जी कर समाज के लिए त्याग करना चाहिए। केजरीवाल मुझे गुरु कहता था। इसके पीछे का मकसद अब समझ में आया। यह तो भगवान का शुक्र है कि जब केजरीवाल ने राजनीतिक पार्टी बनाई उससे पहले ही मैं दूर हो गया। अन्यथा आज मेरी भी प्रतिष्ठा बची नहीं होती।

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