जयपुर। पूर्व प्राथमिक शिक्षा अध्यापक को लेकर निकाली गई भर्ती के रद्द होने से नाराज एनटीटी योग्याताधारी छात्राएं बुधवार को अचानक भाजपा के जयपुर स्थिति प्रदेश मुख्यालय में आ धमकी। यहां एनटीटी छात्राओं ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान उन्होंने सरकार से भर्ती परीक्षा कराने व एनटीटी अभ्यार्थियों को समायोजित करने की मांग की। एकाएक छात्राओं के प्रदेश मुख्यालय में घुस आने से पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूल गए।

मुख्यालय पर तैनात पुलिसकर्मी आक्रोशित छात्राओं को समझाईश कर बाहर निकालने में जुट गए। जब बालिकाएं नहीं मानी तो उन्हें जबरन बाहर निकालने का प्रयास किया गया। जहां जोर आजमाईश के दौरान कुछ बालिकाओं के कपड़े तक फट गए। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में बालिकाओं ने करीब पौन घंटे तक हंगामा मचाए रखा। इस दौरान उनको बाहर निकालने के लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी। बाद में एनटीटी छात्राएं मुख्यालय के बाहर ही धरने पर बैठ गई। इधर सूचना मिलने के साथ ही एनटीटी स्टूडेंट्स के हकों के लिए लड़ रहे संघर्ष समिति के पदाधिकारी भी मौके पर आ गए। उन्होंने भी धरने का समर्थन किया और धरने पर बैठ गए।

-लंबा चल रहा है आंदोलन
बता दें एनटीटी स्टूडेंटस का यह आंदोलन लंबा चल रहा है। वर्ष 2003 में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने एनटीटी डिग्रीधारियों को केवल प्री-प्राइमरी कक्षाओं को पढ़ाने के योग्य माना और ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती के लिए उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था। उस समय तक एनटीटी के केवल 4 कॉलेज थे। इस निर्णय की सरकार ने जानकारी सार्वजनिक नहीं की और 2008 तक एनटीटी के 23 और कॉलेज खोल दिए। जब 2006 में ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती के लिए एनटीटी छात्रों ने आवेदन किया तो 11 दिसंबर 2007 को उन्हें भर्ती के लिए अयोग्य घोषित होने की सूचना दी गई। 11 फरवरी 2008 को सरकार ने पहली बार माना कि एनटीटी धारी ग्रेड थर्ड शिक्षक नहीं बन सकते। तभी से अपने हक की लड़ाई के लिए एनटीटी धारी अभ्यर्थी आंदोलन की राह पर उतर पड़े। सरकार ने इन अभ्यर्थियों को समायोजित करने के लिए महिला बाल विकास विभाग के माध्यम से पूर्व प्राथमिक शिक्षा अध्यापक के 1148 पदों के लिए 23 अगस्त 2013 को भर्ती निकाली। इस भर्ती के लिए 19 जनवरी 2014 को परीक्षा होनी था, लेकिन एन वक्त पर यह स्थगित कर दी गई। तब से लड़ाई चलती आ रही है।

-लाठीचार्ज भी देखने को मिला
एनटीटी योग्यताधारी छात्र-छात्राओं ने अपने हक के लिए अनेक बार शिक्षा संकुल का घेराव किया। जहां छात्र-छात्राओं पर लाठीचार्ज किया गया। जिसमें अनेक स्टूडेंट्स घायल हुए। इसी तरह अनेक बार सरकार के मंत्रियों का इस मामले में घेराव किया गया तो समय-समय पर उन्हें मांग पत्र सौंपकर उनकी मांगों पर सार्थक पहल करने की बात भी कही गई।

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