Mahanadi controversy

नयी दिल्ली : ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच महानदी से संबंधित विवाद को सुलझाने के लिए आज बीजद सदस्यों ने लोकसभा में न्यायाधिकरण के गठन की मांग उठाई । जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि केंद्र दोनों राज्यों के विवाद को बातचीत से सुलझाने के लिए मदद को तैयार है। इस मुद्दे पर भाजपा और बीजद सदस्यों के बीच नोकझोंक की स्थिति देखने को मिली ।

लोकसभा में महानदी बैराज के मुद्दे पर निर्धारित विषय पर पूरक प्रश्न पूछते हुए नागेंद्र कुमार प्रधान ने महानदी का मुद्दा उठाया और न्यायाधिकरण के गठन की मांग की। इसके जवाब में गडकरी ने कहा कि केंद्र को न्यायाधिकरण गठित करने से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन सभी विवादों के लिए एक न्यायाधिकरण बनाने संबंधी विधेयक फिलहाल विधि मंत्रालय के विचाराधीन है और इस बारे में डेढ-दो महीने में निर्णय हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि ऐसे में ओडिशा-छत्तीसगढ़ के विवाद को सुलझाने के लिए अलग न्यायाधिकरण बनाने की जरूरत नहीं होगी और यह मामला उसी न्यायाधिकरण के समक्ष चला जाएगा। मंत्री ने यह भी कहा कि हाल ही में महाराष्ट्र और गुजरात तथा उत्तर प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश के बीच नदी के जल के बंटवारे के मुद्दे सुलझाए गए हैं। ऐसे में वह ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच के विवाद को भी सुलझाने में मदद करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि न्यायाधिकरण में मामले के सुलझने में 30-30 साल का समय लग जाता है। ऐसे में मेरी राय है कि आप लोग बातचीत के लिए आइए और मुद्दे को सुलझाते हैं।

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