Tamilnadu granite scam: ED seized more than 500 properties worth 200 crores
चेन्नई। तमिलनाडु के मदुरै में कथित अवैध खनन धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 200 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की 500 से अधिक संपत्तियां जब्त की हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी ने अपने एक बयान में कहा, ‘‘जांच के दौरान, प्रवर्तन निदेशालय ने करीब 517 अचल संपत्तियों की पहचान की है, जिनकी कीमत 98 करोड़ रुपए (खातों के हिसाब से) है और वर्तमान समय में बाजार में इनकी कीमत करीब 200 करोड़ रुपए होगी। इन अचल संपत्तियों के धन शोधन मामले में संलिप्तता होने के कारण, ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत इन्हें अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है।’’ मामला वर्ष 2013 का है जब मदुरै पुलिस ने मदुरै ग्रेनाइट एक्सपोर्ट्स, एम आर ग्रेनाइट्स, आर आर ग्रेनाइट्स खनन कंपनियों, उनके मालिकों तथा भागिदारों के खिलाफ पांच आपराधिक शिकायतें दर्ज की थी।

पुलिस जांच के खत्म होने के बाद ईडी ने कहा कि राज्य पुलिस ने चार्जशीट दायर की है जिसमें आरोपियों द्वारा मेलुर, कीलावालावु, राशिपुरम और मदुरै जिले में और उसके आसपास अन्य स्थानों पर बहु-रंगी ग्रेनाइट के अवैध खनन का आरोप लगाया गया है। इसका एकमात्र लक्ष्य राजस्व विभाग द्वारा खड़ी की गई चार दीवारी को तोड़ निकटवर्ती पोराम्बोके की सरकारी भूमि पर कब्जा करना है। एजेंसी ने कहा, ‘‘अवैध खनन के लिए घातक विस्फोटक पदार्थों का इस्तेमाल किए जाने का भी आरोप लगाया गया है, जो विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908 के तहत एक अपराध है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बहु्-रंगी ग्रेनाइट ब्लॉक का वर्ष 2001-2012 के बीच गैर-कानूनी तरीके से दुरुपयोग भी किया गया।’’ ईडी ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार इससे सरकारी राजस्व को करीब 450 करोड़ रुपए का नुकसान और आरोपियों को अवैध लाभ हुआ है। पीएमएलए के अधीन इन संपत्तियों को जब्त किए जाने का मकसद अपराध के जरिए आरोपियों को प्राप्त हो रहे गैर-कानूनी लाभ से वंचित रखना है। उक्त अधिनियम के तहत संबंधित प्राधिकारियों के समक्ष आदेश को चुनौती भी दी जा सकती है।

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