नई दिल्ली। गत वर्ष नवंबर माह में नोटबंदी के ऐलान के बाद कैश के लेन-देन को लेकर बैंकों और एटीएम के बार लगी लोगों की कतारों का दृश्य तो आपके जहन में होगा। जब पैसा निकलवाने को लेकर लोग बैंकों के बाहर कतारबद्ध नजर तो एक एटीएम से दूसरे एटीएम तक भागदौड़ करने की जुगत में लगे रहे। ऐसे हाल देश में एक बार फिर उभर सकते हैं। यह स्थिति कैश की किल्लत को लेकर सामने आ सकती है। कैश किल्लत के पीछे कारण यह है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक योजना के तहत नोटों की सप्लाई इन दिनों कम रख है। सूत्रों की माने तो कैश का फ्लो 25 फीसदी तक कम हो गया है। जिसके चलते देश के कई शहरों में एटीएम खाली पड़े या फिर उनके शटर पूरी तरह डाउन ही है। ऐसे में आने वाले दिनों में यह स्थिति ओर भी गंभीर हो सकती है। देश के पश्चिमी-दक्षिणी राज्यों में नकदी की कमी प्रमुख रुप से देखने को मिल रही है। जानकारी जो सामने आई उसके अनुसार लोग डिजिटल ट्रांजैक्शन की जगह नकदी की ओर लौट रहे हैं। जिससे नकदी के इस्तेमाल को रोकने के लिए आरबीआई ने सप्लाई घटाने का फैसला लिया है। सरकारी बैंकों के बजाय निजी बैंकों में नकदी की खासी कमी देखने को मिल रही है। बैंकों से जुड़े जानकारों की माने तो विगत एक माह में कैश की आपूर्ति कम हो गई है। मार्च के अंतिम सप्ताह में कैश का सर्कुलेशन 32,470 करोड़ से घटकर 22,190 करोड़ रुपए रह गया है। जनवरी से मार्च माह के दौरान यह हर सप्ताह 33,000 करोड़ की औसत से बढ़ा था।

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