जयपुर। पद्यावत फिल्म को लेकर राजस्थान सरकार को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार की उस रिव्यू पीटिशन को खारिज कर दिया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के पद्यावत फिल्म रिलीज करने के आदेश पर पुर्नविचार करने की गुहार की थी। सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई दीपक मिश्रा की खण्डपीठ ने राजस्थान के साथ मध्यप्रदेश सरकार की याचिका को खारिज कर दी है। दोनों राज्य सरकारों को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि कोर्ट अपने ही फैसले में बदलाव नहीं कर सकती। कानून व्यवस्था संभालना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, ना कि कोर्ट की। हिंसा के आधार पर बैन नहीं लगा सकते हैं। अराजक तत्वों को बढावा नहीं दे सकते। कोर्ट ने पद्यावत फिल्म की रिलीज करने की हरी झण्डी देते हुए पीटिशन खारिज कर दी।
राजस्थान व मध्यप्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पीटिशन में बताया कि एमपी और राजस्थान में इस फिल्म को लेकर भारी विरोध चल रहा है। राजपूत संगठनों ने फिल्म की रिलीज तिथि 25 जनवरी को जनता कर्फ्यू लगाने की घोषणा की है। फिल्म रिलीज हुई तो राजस्थान व मध्यप्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। कानून व्यवस्था के लिए इस फिल्म पर बैन लगाना जरुरी है। दोनों सरकार के तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने रिव्यू पीटिशन खारिज कर दी। कोर्ट के फैसले में किसी भी तरह का बदलाव नहीं हो सकता है। कानून व्यवस्था की पालना करवाना राज्य सरकार की है। उधर, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से फिल्म निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली को सुप्रीम राहत मिली है। वहीं आंदोलित संगठनों को धक्का लगा है। हालांकि करणी सेना ने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की समीक्षा करके कुछ बताएंगे और जनता की अदालत में इस मामले को लेकर जाएंगे.


































