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delhi. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने 60,000 करोड़ रुपए के राष्‍ट्रीय शहरी आवास कोष (एनयूएचएफ) के गठन को मंजूरी दे दी है। यह कोष निर्माण सामग्री एवं प्रौद्योगिकी संवर्धन परिषद (बीएमटीपीसी) में होगा। बीएमपीटीसी आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय का एक स्‍वायत्‍ताशासी निकाय है, जो संस्था पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत पंजीकृत है।

मंत्रालय ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत अब तक 39.4 लाख मकानों के निर्माण की मंजूरी दी है। राज्‍यों और संघ शासित प्रदेशों की ओर से योजना को अच्‍छी प्रतिक्रिया मिली है। योजना के तहत करीब दो-तीन लाख मकान हर महीने मंजूर किए जा रहे हैं। अब तक 17 लाख से ज्‍यादा मकानों का निर्माण शुरू हो चुका है और पांच लाख मकान बनकर तैयार हो चुके हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत ऋण आधारित ब्‍याज सब्सिडी योजना (सीएलएसएस) के तहत जहां आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्‍ल्‍यूएस), निम्‍न आय वर्ग (एलआईजी) और मध्‍य आय वर्ग (एमआईजी) के लाभार्थियों के लिए कर्ज की व्‍यवस्‍था बैंकों और एचएफसी की ओर से की गई है, वहां से लगातार अच्‍छी प्रतिक्रिया मिल रही है। योजना के तहत पिछले आठ महीनों में करीब 87 हजार आवास ऋण मंजूर किए जा चुके हैं और 40,000 आवेदन विचारार्थ हैं। देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर 2022 तक 1.2 करोड़ मकानों की कमी को पूरा करते हुए देश में सबके लिए आवास सुनिश्चित करने का लक्ष्‍य रखा गया है।

अगले चार वर्षों में एनयूएचएफ जरूरी धन जुटाने का काम करेगा, ताकि लाभार्थी आधारित व्‍यक्तिगत आवास (बीएलसी), भागीदारी में किफायती आवास (एएचएफ), स्‍व-स्‍थाने स्‍लम पुनर्वास (आईएसएसआर) और सीएलएसएस जैसी विभिन्‍न योजनाएं टिकी रह सकें, इनके लिए केन्‍द्रीय मदद का रास्‍ता आसान बनें और शहरी क्षेत्रों में मकानों की कमी को आसानी से पूरा किया जा सके।

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