Bribe-trap-case

जयपुर। राजस्थान राज्य भण्डार व्यवस्था निगम (वेयर हाउस) में किए गए कार्य के दौरान सिक्योरिटी पेटे जमा कराई गई राशि लौटाने की एवज में ठेकेदार से 19 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किए गए तत्कालीन सहायक अभियन्ता चन्द्रमोहन हंसानी निवासी त्रिवेणी नगर जयपुर को एसीबी कोर्ट एक में जज बलजीत सिंह ने बुधवार को 3 साल की जेल व 4० हजार रुपए का जुर्माने की सजा दी।

कोर्ट ने इसी मामले में कनिष्ठ लेखाकार कमल बागड़ा निवासी बागड़ा भवन चौड़ा रास्ता को दो साल की जेल व 25 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया। ठेकेदार विक्रम सिंह विश्नोई ने 18 दिसम्बर, 2००1 को शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी फर्म ने दतोर मण्डी बीकानेर में चारदीवारी का निर्माण किया था। बिलों को पास कराने के लिए वह अधिशाषी अभियन्ता के.एल. गुप्ता, एईएन हंसानी व जेईएन सुभाष बागड़ी को 1.5० लाख रुपए दे चुका है।

फिर भी निगम में जमा सिक्योरिटी राशि 1.2० लाख रुपए देने के लिए भी रिश्वत मांग रहे हैं। एसीबी ने 19 दिसम्बर को सत्यापन कर 2० दिसम्बर 2००1 को दोनों को आॅफिस में ही 19 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर राशि बरामद कर ली थी। उपरोक्त राशि में 5 हजार रुपए हंसानी ने आरएसईडब्ल्यू सी के तत्कालीन मैनेजर आरएस शर्मा के हिस्से के लिए थे। एसीबी ने जांच कर आरएस शर्मा, केएल गुप्ता व सुभाष बागड़ी को क्लीनचिट देते हुए उक्त दोनों के खिलाफ चालान पेश किया था। एसीबी की ओर से अदालत में एडीपी महेन्द्र कुमार व्यास और पीपी संतोष कुमार विजय ने पैरवी की।

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