किसानों को लाभ दिलाने के लिये सरकार कटिबद्ध, आगामी फसली ऋण वितरण का भी आधार होगा पोर्टल
जयपुर। सरकार किसानों को लाभ दिलाने के लिये कटिबद्ध है। किसानों के लिये राज्य सरकार द्वारा लघु सीमान्त कृषक सेवा पोर्टल लाँच कर दिया गया है तथा शनिवार को ऑनलाइन तहसील चौमूं एवं रविवार को ऑफलाइन तहसील आमेर में पायलट आधार पर इसकी शुरूआत कर दी गई है।

कृषि मंत्री लाल चन्द कटारिया ने बताया कि 19 फरवरी से 25 फरवरी तक प्रत्येक राजीव गांधी सेवा केन्द्र पर कैम्पों के माध्यम से किसानों को पोर्टल पर एण्ट्री एवं योजना के बारे में जागरूक किया जायेगा। उन्होंने बताया कि कृषक सेवा पोर्टल पर किसान से उसके ग्राम सेवा सहकारी समिति के सदस्य होने या नहीं होने की जानकारी भी प्राप्त की जायेगी। जिसका विवरण संबंधित जिला केन्द्रीय सहकारी बैंंक से साझा किया जायेगा, जो आगामी फसली ऋण वितरण का भी आधार बनेगा।

कृषि मंत्री ने बताया कि कृषक सेवा पोर्टल के जरिये 2 हैक्टेयर तक की कृषि भूमि के पात्र सीमान्त एवं लघु किसान ई-मित्र केन्द्र पर आधार नम्बर से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। किसान द्वारा ऑनलाइन आवेदन करने के पश्चात् वह सहमति के आधार पर ई-साइन करेगा। उन्होंने बताया तत्पश्चात् आवेदन ऑनलाइन ही संबंधित पटवारी को पहुंंचेगा।

कटारिया ने बताया कि पटवारी किसान के आवेदन में इन्द्राज सूचनाओं को भूअभिलेख रजिस्टर से मिलान करेगा। मिलान सही पाये जाने पर पटवारी आवेदन का प्रमाणीकरण कर संबंधित तहसीलदार को ऑनलाइन ट्रांसफर करेगा। कृषि मंत्री ने बताया कि किसान द्वारा किये गये आवेदन पर प्रत्येक स्तर पर की गई कार्यवाही की सूचना उसके पंजीकृत मोबाइल नम्बर पर एसएमएस के जरिये दी जायेगी।
उन्होंने बताया कि पीएम-किसान पोर्टल की गाइड लाइन 14 फरवरी को भारत सरकार ने जारी की है जबकि केन्द्र ने एक फरवरी को बजट भाषण में सीमान्त एवं लघु किसान के लिये पीएम-किसान की घोषणा की थी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की मंशा है कि किसानों को लाभ मिले इसके लिये हमने सुनियोजित कार्यक्रम के तहत कृषक सेवा पोर्टल की शुरूआत की है।किसान हितों को ध्यान में रखते हुए कृषक सेवा पोर्टल को पीएम-किसान सेवा पोर्टल से जोड़ दिया गया है।

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