US marines sentenced to 10 years for exploitation of Muslim recruits

वाशिंगटन| अमेरिकी मरीन कोर के एक ड्रिल इंस्ट्रक्टर को एक दर्जन से ज्यादा रंगरूटों के शौषण के लिए आज 10 साल की जेल की सजा सुनायी गयी। उनमें से एक की 2016 में मौत हो गयी थी। अमेरिकी मीडिया के अनुसार गनरी सार्जेंट जोसेफ फिलिक्स को साउथ कैरोलिना अड्डे के पैरिस आइलैंड में बुनियादी प्रशिक्षण के दौरान रंगरूटों के शोषण के लिए कल दोषी करार दिया गया था। आठ सहकर्मियों की एक ज्यूरी ने फेलिक्स को रंगरूटों के शोषण का आदेश देने वाले एवं उसका हिस्सा रहे उन छह इंस्ट्रक्टर में सबसे ज्यादा दोषी पाया। उन्होंने रंगरूटों पर आतंकी होने का ताना कसा था। ज्यूरी में महिलाकर्मी भी शामिल थीं। फेलिक्स इराक युद्ध में काफी सक्रिय थे।

दो रंगरूटों को आद्यौगिक संयंत्रों में इस्तेमाल किए वाले क्लॉथ ड्रायर (कपड़े सुखाने की मशीनें) में जाने को मजबूर किया गया और एक मामले में मशीन चला दी गयी जब उन्होंने अपने धर्म का त्याग करने से इनकार कर दिया। वहीं राहील सिद्दीकी नाम के एक रंगरूट की तीसरे मंजिल से गिरने के कारण मौत हो गयी। अमेरिकी मरीन कोर ने उसकी मौत को आत्महत्या बताया था। अक्तूबर में सिद्दीकी के परिवार ने अमेरिकी मरीन कोर पर 10 करोड़ डॉलर का मुकदमा दायर किया था और कहा था कि सिद्दीकी को किसी अज्ञात वरिष्ठ ने दरवाजे से निकाला और बालकनी में ले गया जहां से उसकी नीचे गिरने पर मौत हो गयी।

फिलिक्स का मामला सैन्य नियमों के तहत स्वत: अपील के लिए जाएगा। सैन्य नियमों के तहत उन फैसलों पर अपील की जाती है जिनमें लंबी सजा सहित अन्य शामिल होते हैं।

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