चण्डीगढ़। देश में 8 नवम्बर को नोटबंदी की घोषणा के बाद चंडीगढ़ में हुए निगम चुनाव के नतीजे भाजपा व अकाली दल के लिए अच्छी खबर लेकर आए हैं। दोपहर दो बजे तक मतगणना में निगम की 28 सीटों पर भाजपा-अकाली दल गठबंधन 19 सीटों पर आगे था। जीत का अंतर ज्यादा होने के कारण इन सीटों पर जीत भी तय मानी जा रही है। कांग्रेस मात्र चार सीटों पर बढ़त बनाए हैं। पंजाब चुनाव से पहले निगम चुनाव की जीत से भाजपा अकाली दल उत्साहित है। वहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में निराशा है। कांग्रेस और आप दोनों ही दल पंजाब चुनाव में अपनी-अपनी जीत बता रहे हैं। निगम चुनाव में भाजपा की जीत से दोनों दलों को धक्का लगा है। बीजेपी इन नतीजों को इस बात से जोड़ेगी कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नोटबंदी का फैसला सही था। कालेधन को खत्म करने के लिए लिए गए इस फैसले का जनता को भी समर्थन है। निगम चुनाव में पाटीज़् ने जीत का जश्न मनाना भी शुरू कर दिया है। वैसे अभी तक चंडीगढ़ नगर निगम पर भारतीय जनता पार्टी का ही कब्जा था। मेयर भी बीजेपी का ही था। ऐसे में पार्टी को अंदेशा था कि कहीं नोटबंदी से हो रही तकलीफ लोगों को नाराज न कर दे। लेकिन निगम चुनाव में एकतरफा जीत ने साबित कर दिया कि जनता नोटबंदी के पक्ष में है। चुनाव प्रचार में दोनों ही मुख्य दलों ने पूरी ताकत के साथ प्रचार किया था। कांग्रेस ने जहां लोगों को नोटबंदी से हो रही दिक्कतों को मुद्दा बनाया, वहीं बीजेपी नेताओं ने इसके फ ायदे गिनाए थे। बीजेपी ने किरण खेर और अनुराग ठाकुर जैसे बड़े चेहरों को यहां प्रचार में उतारा। वहीं कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता पवन बंसल को पार्टी को जिताने की जिम्मेदारी सौंपी थी।

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