Kotwali

नयी दिल्ली। बोफोर्स हथियार खरीद मामले में समझौते के अंतर्गत स्वीडिश कंपनी को निर्यात में आपराधिक साजिश और जालसाजी से संबंधित 25 साल पुराने मामले में सीबीआई की विशेष अदालत, मुंबई ने एक निजी कंपनी के दो अधिकारी को दोषी करार दिया है ।अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट लक्ष्मी कांत बिडवई ने जयंत ऑयल मिल्स के निदेशक अभय वी उदेशी और कंपनी के एक कर्मचारी हरीश पंड्या को आपराधिक साजिश और जालसाजी के लिए दोषी करार दिया और उन्हें दो साल जेल की सजा सुनायी ।हालिया आदेश में बिडवई ने कहा कि यह फर्जीवाड़े का मामला है जिसके कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत सरकार की साख को ‘‘नुकसान’’ हुआ।उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल जालसाजी की कोशिश ही नहीं बल्कि पूरी तरह फर्जीवाड़े का कृत्य है ।’’ भारत ने काउंटर ट्रेड समझौता के जरिए 1986 में 1437 करोड़ रूपये की लागत से भारतीय सेना को 155 एमएम के 400 होवित्जर हथियार की आपूर्ति के लिए स्वीडिश कंपनी बोफोर्स के साथ समझौता किया था ।समझौते की एक शर्त थी की बंदूकों की बिक्री के बदले में बोफोर्स कंपनी भारत से कॉफी और कैस्टर ऑयल तथा इसका सह उत्पाद जैसी वस्तुएं आयात करेगी ।

भारत सरकार ने स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (एसटीसी) को भारत से बोफोर्स द्वारा केस्टर ऑयल और अन्य सामग्री के आयात की निगरानी के लिए नोडल एजेंसी नामित किया था। इसी तरह बोफोर्स ने लंदन स्थित एलेक्जेंडर क्रिक्टॉन एसोसिएट्स लिमिटेड को समझौते की शर्तों के तहत भारत से आयातित विभिन्न सामग्री की निगरानी के लिए नामित किया था । जयंत ऑयल मिल्स लंदन स्थित कंपनी के जरिए बोफोर्स को अरंडी का तेल और इसका सह उत्पाद निर्यात करने पर राजी हुआ था । सौदे के तहत जयंत ऑयल मिल्स को सेवा शुल्क के तौर पर एसटीसी को आयात के फ्री ऑन बोर्ड मूल्य का 0.5 प्रतिशत राशि का भुगतान करना था । वर्ष 1989-90 में जयंत मिल्स के निदेशक- अभय वी उदेशी और विठ्ठलदास जी उदेशी ने कंपनी के एक कर्मचरी हरीश के पंड्या के साथ एसटीसी के साथ धोखाधड़ी करने की साजिश रची । पंड्या ने हमबर्ग, पश्चिम जर्मनी को 56 एमटी हाइड्रोक्सी स्टीयरिक एसिड का आयात किये बिना सेवा शुल्क के रूप में एसटीसी के पक्ष में देय चेक के साथ जाली आयात शिपमेंट दस्तावेज बनाए ।

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