जयपुर। सात दिन पूर्व बाईस गोदाम स्थित करतार पूरा के नाले में युवक आयुष अपनी कार के साथ गिर गया था। जो पानी का बहाव तेज होने के कारण बह गया था। लोगों ने देखकर तुरंत पुलिस को खबर की तब से लेकर अब तक पुलिस और प्रसासन ने हर जतन कर आयुष को खोजने के लिए किया। जिसमें प्रशासन की काफी छिछालेदार हुई। मगर अंतत: आज आयुष का शव गुजर की थड़ी स्थित नाले में खोज निकाला गया। जिससे प्रशासन ने राहत की सांस ली। और आयुष के परिजनों को भी ढांढ़स बंधा। लेकिन कहने की बात यह है कि हम आज के आधुनिक युग में जहां दुनियां विज्ञान के क्षेत्र में नित नए-नए प्रयोग कर तरक्की कर रही है। वहीं हम आज भी उसी पुराने ढर्रे पर चल रहे हैं कहने को तो जयपुर स्मार्ट शहरों की गिनती में आता है। मगर जब ऐसी घटना में प्रशासन को नाकामयाबी मिलती है तो फिर सरकार की इन बातों पर सवालिया निशान लग जाता है कि देश तरक्की कर रहा है। खैर गनीमत है कि सात दिन बात आयुष का शव ढूंढ निकाला गया। बता दें की पिछले सात दिनों से सिविल डिफेंस और एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू अभियान चला रही थी। सात दिन से लाठी-डंडों के साथ आयुष की तलाश चल रही थी।

रेस्क्यू आॅपरेशन के दौरान अचानक आयुष की लाश झाड़ियों के पास दिखी। जिसके बाद रेस्क्यू आॅपरेशन चला रही टीम ने नाले में उतरकर लाश बाहर निकाली। गौरतलब है कि बीते शुक्रवार सुबह हुई तेज बारिश में करतारपुरा नाले में आयुष गर्ग कार सहित बह गया था। उसने बचने काफी प्रयास किया, हिम्मत भी दिखाई, मंजर देख रहे लोग भी खूब चिल्लाए लेकिन बहता पानी उसे बहा ले गया। तभी से आपदा प्रबंधन और एसडीआरएफ की टीम उसकी तलाश में जुटी, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा था। खूब रोका था, फिर भी ले गया कार प्रत्यक्षदर्शी ने बताया था कि ईमली वाला फाटक रेलवे लाइन के पास पुल से काफी ऊपर तक पानी बहने के कारण लोग जनकपुरी द्वितीय पुलिया पर जाम लगा था। लेकिन कार के साथ बहने वाला आयुष दिल्ली रेलवे पुल के नीचे की तरफ सड़क के ऊपर से बह रहे पानी में कार ले जाने लगा। लोगों ने चिल्लाकर उसे मना भी किया। लेकिन उसने लोगों की आवाज का अनसुना कर दिया और पानी में कार घुसा दी। तभी अचानक कार पानी के साथ बहने लगी। हादसे के वक्त आयुष बचने के लिए कार की छत पर भी चढ़ा, लेकिन कार पलट गई। जिससे वो पानी में गिर गया। काफी देर तक तैरने की भी कोशिश की लेकिन तेजबहाव में वो अपनी जान नहींं बचा सका।

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