जयपुर । 22 मई 1996 को आगरा से बीकानेर जा रही राजस्थान रोडवेज की बस में दौसा के समलेटी गांव के पास हुए बम विस्फोट में 14 लोगों की मौत और 37 यात्रियों के घायल होने के अपराध में फांसी की सजा से दण्डित एक अभियुक्त आतंकी डॉ. अब्दुल हमीद की अपील और डेथ रेफरेंस पर मंगलवार को राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश अजय रस्तोगी और न्यायाधीश डीसी सोमानी की खंडपीठ में सुनवाई 26 फरवरी तक टल गई।
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान संसद पर हुए हमले में आरोपी रहा दिल्ली विश्वविद्यालय का पूर्व प्रोफेसर एसएआर गिलानी भी मौजूद था। बाद में गिलानी ने बताया कि वे कश्मीरी लोगों के समर्थन में जयपुर आए हैं। कहा इस प्रकरण में राजनीतिक कारणों से कश्मीरी लोगों को फंसाया गया है। ज्ञातव्य है कि बांदीकुई के एडीजे कोर्ट ने जनवरी 2०15 में डॉ. अब्दुल हमीद को फांसी एवं आधा दर्जन अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। राज्य सरकार ने फांसी की सजा की पुष्टी के लिए हाईकोर्ट में डेथ रेफरेंस पेश किया है एवं अभियुक्त ने भी सजा के आदेश को अपील में चुनौती दी है।