जयपुर। वन्य जीवों के अंगों की तस्करी के मामले में जयपुर पुलिस ने महाराष्ट्र के एक शिकारी रवि गजानंद पंवार को धरा है। इसने भी कई बाघ व दूसरे वन्यजीवों की हत्या की है और उनकी खालें व अंग बेच डाले है। रवि गजानंद के अपराध को देखते हुए इसे दूसरा संसारचंद कहा जा रहा है। रवि पंवार ने महाराष्ट्र के जंगलों में ग्यारह बाघों व एक पैंथर का भी शिकार किया। उसने येवला वाइल्ड लाइफ सेंचूरी में वन्यजीवों का शिकार किया। शिकार के लिए वह जंगल में रहने वाले लोगों की सहायता लेता था।

उसने पुलिस को बयान में कहा कि वह पैसों के लालच में बाघ व दूसरे जीवों का शिकार करता था। एक बाघ का शिकार करने में उसे कई महीने लग जाते थे। वह एक साल के बाघ को ही शिकार बनाता था। क्योंकि वे आसानी से चंगुल में फंसते थे। बड़े बाघ पर काबू पाना मुश्किल भरा रहता था। उसके कब्जे से बाघ की खाल भी बरामद की ही। माणकचौक थाना पुलिस ने 30 जून को वन्य जीव तस्कर अजीत कुमार गोखरू को गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ के बाद पुलिस ने शिकारी रवि गजानंद पंवार व उसके साथी विक्की राजेश भोंसले को पकड़ा है।

पुलिस ने दोनों को रिमांड पर लिया है। रवि ने बयान में कहा कि बाघ को जाल में फांसने के बाद वे उस पर तब तक लाठियों से ताबड़तोड़ वार करते, जब तक वह मर न जाए। एक बाघ की खाल एक लाख रुपए में बिकती है। नाखून व अन्य अंग हजारों रुपए में बिकते हैं।

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