The murderer turned the hangman to life imprisonment
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने छह साल की साली को बहला फुसलाकर ले जाने और दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने के मामले में अभियुक्त को मिली फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है। अदालत ने कहा है कि अभियुक्त को जीवनभर जेल में रखा जाए, लेकिन सरकार को उसका अच्छा आचरण होने पर सजा माफ करने का अधिकार होगा। न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश कैलाश चन्द्र शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश वेदप्रकाश की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए दिए।
मामले के अनुसार झुंझनूं की विशेष अदालत ने अभियुक्त वेदप्रकाश को अगस्त 2016 में आईपीसी की धारा 302 का अभियुक्त मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। इस आदेश के खिलाफ यह जेल अपील दायर की गई। मामले में अदालत ने अधिवक्ता प्रदीप चौधरी को न्यायमित्र नियुक्त किया गया था। न्यायमित्र की ओर से अदालत को बताया गया कि निचली अदालत ने परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर सजा दी है। यह मामला दुर्लभतम प्रकरण की श्रेणी में नहीं आता। ऐसे में अभियुक्त को फांसी की सजा न दी जाए। वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि अभियुक्त ने छह साल की बालिका के साथ दुष्कर्म कर हत्या की है। ऐसे में निचली अदालत के आदेश को पुष्ठ किया जाए।
जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने निचली अदालत के फैसले को बदलते हुए फांसी को आजीवन कारावास की सजा में बदल दिया है।

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