उदयपुर. उदयपुर में ओडा रेलवे ब्रिज ब्लास्ट मामले में एटीएस ने चार और आरोपियों को गिफ्तार किया है। ये सभी आरोपी उदयपुर के रहने वाले है। इन्होंने ही धोल की पाटी निवासी बिहारी लाल और अंकुश सुहालका को ब्लास्ट की सामग्री बेची थी। ये सभी आरोपी लाइसेंसधारी होकर मैगजीन और विस्फोटक बेचने का काम करते है। उदयपुर एटीएस ने प्रतापनगर निवासी पिता लोकेश और उसके बेटे अमित के साथ सेक्टर 4 निवासी भरतराज सेन और मल्लातलाई निवासी अशोक मीणा को गिरफ्तार किया है। एटीएस आज सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश करेगी। रेलवे ट्रेक ब्लास्ट मामले में मुख्य आरोपी धूलचंद ने बिहारी लाल और अंकुश से विस्फोटक खरीदा था। बिना लाइसेंस बिहारीलाल सुहालका 7-8 सालों से चारों आरोपियों से मैग्जीन और विस्फोटक खरीद रहा था। दरअसल नियमानुसार विस्फोटक उसे ही बेचा जा सकता है, जो लाइसेंसधारी हो, ऐसे में बिना लाइसेंस वाले को विस्फोटक और मैगजीन बेचने के मामले में एटीएस ने सभी को गिरफ्तार किया है। बिहारीलाल और उसका बेटा अकुंश सुहालका इन्हीं लोगों से तीन गुना दामों पर हर सप्ताह विस्फोटक सामग्री मंगवाया करते थे। 12 नवंबर को उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे लाइन पर ओड़ा रेलवे ब्रिज पर धूलचंद ने भतीजे प्रकाश और एक नाबालिग के साथ मिलकर ब्लास्ट किया था। आरोपियों ने दोनों पटरियों को उड़ाने के लिए पुल के पास पर डेटोनेटर लगाए थे। हालांकि सही तरीके से ब्लास्ट नहीं होने से दोनों पटरियों पर ब्लास्ट नहीं हो पाया था। 13 नवंबर सुबह को 2 ग्रामीणों ने इसकी सूचना पर रेलवे को देकर ट्रेन को रूकवाई थी। इसके बाद पुलिस कड़ी से कड़ी जोड़ती हुई 5 दिन बाद आरोपियों तक पहुंच गई थी। एकलिंगपुरा, ओड़ा गांव आरोपी धूलचंद ने पूछताछ में बताया कि उसने रेलवे से मुआवजा नहीं मिलने से पुल पर ब्लास्ट किया था, ताकि रेलवे को सबक सिखाया जा सके।

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