निवाई. उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आज कानून से ऊपर कोई नहीं है। अगर कोई मानता था तो उसे आज समझ में आ गया है कि कानून उनसे ऊपर है। आज भारत के विकास को देखकर दुनिया अचंभित है, लेकिन अपनों में से ही कुछ का हाजमा खराब हो रहा है। धनखड़ बुधवार को टोंक के निवाई में वनस्थली विद्यापीठ के 40वें दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। उप राष्ट्रपति ने कहा कि प्रजातांत्रिक व्यवस्था का कोई मतलब नहीं है, यदि कुछ लोग समझते हैं कि हम लोग कानून से ऊपर है। जब कोई अपने आप को कानून से ऊपर समझता है तो बाकि लोग हताश हो जाते हैं कि ये हमसे अलग क्यों है। हमारे बराबर क्यों नहीं है। प्रजातांत्रिक व्यवस्था में तो सभी बराबर होते हैं। सभी को कानून के सामने हिसाब देना होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मजबूती से ठान लिया कि प्रजातांत्रिक मूल्यों का इस देश में राज रहेगा। उन्होंने कहा कि एक जमाना था, युवा प्रतिभाशाली था। पर उसको पता था कि सिफारिश आ गई, भाई-भतीजावाद आ गया, भ्रष्टाचार आ गया, वो पीछे हट जाता था। अब ऐसा कुछ नहीं है। अब मैं आपको कहकर जा रहा हूं। अब प्रशासन पूरी तरह से पारदर्शी है, उत्तरदायी है, भ्रष्टाचार मुक्त है। जहां इसमें कमी नजर आती है, उस पर कुठाराघात और प्रतिघात होता है। इसीलिए भारत आगे बढ़ता जा रहा है। पहले दुनिया के लोग हमारी क्या चर्चा करते थे कि ये कैसा देश है, गरीबों का देश है, शिक्षा नहीं है। लेकिन आज प्रति व्यक्ति इंटरनेट का यूज दुनिया में सबसे ज्यादा भारत में है। उप राष्ट्रपति ने कहा कि भारत का चंद्रयान 3 वहां उतरा, जहां दुनिया का कोई देश आज तक नहीं उतार पाया। चांद पर तिरंगा पॉइंट, शिवशक्ति पॉइंट निश्चित हो गया। आज के दिन हमारा इसरो अमेरिका, इंग्लैंड, सिंगापुर का सैटेलाइट लॉन्च कर रहा है। समुद्री शक्ति की बात करें तो आईएनएस विक्रांत भारत में बना, हवाई जहाज तेजस भारत में बना। भारत के विकास को देखकर दुनिया अचंभित है। तो फिर अपनों में से कुछ का हाजमा क्यों खराब हो रहा है, और खराब हो तो आपको उसे ठीक करने की आवश्यकता है। कुछ चुनौतियां भी सामने आएगी। सरकार चुनौतियों का समाधान निकालती हैं। धनखड़ ने कहा कि तीन दशक तक महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में आरक्षण नहीं मिला। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये मुमकिन नहीं हुआ तो उत्थान कैसे होगा। 20 और 21 सितंबर 2023 को ये बिल पास हो गया। अब आने वाले चुनाव में लोकसभा और विधानसभा में कम से कम एक तिहाई महिला होगी। इस दौरान मैंने सोचा कि मुझे भी इसमें कुछ करिश्मा करना चाहिए। 21 सितंबर को राज्यसभा में जब ये बिल आया तो मैंने 17 महिलाओं को मेरी कुर्सी पर बिठाया। सब हतप्रद रह गए। उस दिन टेबल पर राज्यसभा में काम करने वाली लड़कियां बैठीं। आज के दिन फाइटर पायलट महिला है। चंद्रयान 3 ऊपर गया, उसके पीछे 8 महिलाओं का योगदान है। उनमें एक को रॉकेट वुमन कहा जाता है। मैं इसलिए बता रहा हूं कि मैं झेल रहा हूं। (सुदेश धनखड़ की तरफ इशारा करते हुए बोले)। महिला सरपंच, प्रधान, जिला प्रमुख बनती थी तो मीटिंग में सरपंच पति, प्रधान पति, जिला प्रमुख पति जाते थे। अब ऐसा नहीं हो रहा है। यहां की जिला प्रमुख सरोज बंसल यहां बैठी है। ये बदलता हुआ भारत है। तक्षशिला, नालंदा प्राचीन भारत में दुनिया के सामने बड़ी मिसाल थे। जिनको आज डिग्री मिली है, उनको कहूंगा कि आपके प्रयास का ये नतीजा है। आपके टीचर का आशीर्वाद है। जिस टीचर से आप सबसे ज्यादा डरते थे, आप भविष्य में याद रखोगे कि उन्होंने आपको कितना मजबूत बनाया है। मैंने डॉ. सुदेश से इनके टीचर्स की लिस्ट मांगी, लेकिन इन्होंने दी नहीं। अपने प्रियजनों और 5 हजार साल पुरानी सांस्कृतिक विरासत को मत भूलना। तकनीक के इस युग में बुजुर्ग को समय दीजिए। समय उनके लिए सबसे बड़ी दवाई है। हम जब पढ़ते थे, तब गांव में बिजली, सड़क, पानी, टॉयलेट नहीं था। धूप में पैदल वापस आना पड़ता था। मैं और मेरे साथी गर्मी में जब वापस आते थे, पैरों में जलन होती थी। रास्ते में गोबर दिख जाता था तो पैर उसमें दे देते थे कि कुछ देर तक पैर ठंडा रहेगा। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने वनस्थली विद्यापीठ में अध्ययनरत विभिन्न संकायों की 4 हजार 635 छात्राओं को उपाधियां प्रदान की। जिनमें 233 दीक्षार्थियों को पीएचडी उपाधि एवं 119 छात्राओं को मुख्य अतिथि ने स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया।

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