The first asteroid discovered between stars

लंदन। वैज्ञानिकों का कहना है कि पिछले महीने हमारे सौरमंडल से होकर गुजरे गहरे, लाल रंग और सिगार के आकार वाले पिण्ड जैसे किसी भी ब्रह्माण्डीय पिण्ड को इससे पहले कभी नहीं देखा गया था। वैज्ञानिकों ने इसे तारों के बीच मौजूद रहने वाले क्षुद्रग्रह की श्रेणी में रखा है। पिछले महीने हवाई में पैन..एसटीएआरआरएस 1 टेलिस्कोप ने आकाश से गुजरते हुए प्रकाश बिंदु को कैद किया था। शुरुआत में यह एक तेज गति से गुजरने वाले छोटे क्षुद्रग्रह की तरह प्रतीत हुआ था लेकिन बाद में कई दिनों तक गौर करने पर इसके कक्ष का करीब और सही हिसाब मिल पाया। कक्ष के आकलन से खुलासा हुआ कि यह पिण्ड अन्य क्षुद्रग्रहों और पुच्छलतारों की तरह सौर मंडल के भीतर से नहीं उभरा है बल्कि तारों के बीच से आया है।

शुरुआत में धूमकेतू के तौर पर इसकी पहचान हुई हालांकि सितंबर में सूर्य के करीब आने पर किए गए अवलोकनों से पता चला कि इसमें धूमकेतू जैसी किसी भी गतिविधि के संकेत नहीं मिलते हैं। इस पिण्ड को फिर से वर्गीकृत करते हुए अन्तर ताराकीय क्षुद्रग्रह की श्रेणी में रखा गया और इसे “ओउमुआमुआ” नाम दिया गया। पैन..एसटीएआरआरएस 1 की टीम ने बताया कि चुना गया नाम एक हवाई शब्द है और इसका अर्थ निकलता है कि यह पिण्ड एक संदेशवाहक है जिसे हम तक पहुंचने के लिए बहुत पहले भेजा गया था। यह क्षुद्रग्रह 400 मीटर चौड़ा और बहुत लंबा है – शायद अपनी चौड़ाई से 10 गुणा ज्यादा लंबा। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह अनुपात हमारे सौरमंडल में आज तक दर्ज किए गए किसी भी क्षुद्रग्रह या धूमकेतू के अनुपात से ज्यादा है। उनका कहना है कि इसका अत्याधिक लंबा आकार चौंकाने वाला है और हो सकता है कि यह हमारे सौरमंडल निर्माण के संबंध में नए प्रमाण उपलब्ध करा सके।

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