जयपुर। श्री सालासर ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड की योजना नारायण विहार में बेवा 71 वर्षीय मोतिया दीवान पत्नी योगराज दीवान निवासी भाभा मार्गए तिलक नगर जयपुर को 2००6 में 7 लाख रुपए में प्लाट विक्रय कर 11 साल बाद भी कब्जा नहीं देने के मामले में मानसरोवर थाना पुलिस ने अदालत में प्रगति रिपोर्ट पेश कर कम्पनी के निदेशक ज्ञानचन्द अग्रवाल को दोषी मानते हुए फरार बताया है। परिवादनी की ओर से उचित अनुसंधान नहीं होने की दलीलों पर एसीएमएम.6 जयपुर मेट्रो अरुण गोदारा ने थाना अधिकारी को 12 दिसम्बर को केस डायरी अदालत में पेश करने के आदेश दिए हैं।
प्रार्थिया के अधिवक्ता हेमचन्द तेजवानी ने कोर्ट को बताया कि कम्पनी के निदेशक ज्ञानचन्द अग्रवाल ने 1००० वर्ग गज का प्लाट नारायण विहार वाई फेज.एक अजमेर रोड को विक्रय कर 17 मईए 2००6 को 7 लाख रुपए प्राप्त किए एवं साईट प्लानए 11 जून 2००8 को उसके पति योगराज दीवान के नाम से दिया था। आरोप है कि अग्रवाल ने अनेकों चक्कर लगाने के बाद भी उपरोक्त प्लाट का कब्जा नहीं दिया गया। जेडीए में प्रकरण लम्बित बतायाए लेकिन पीड़िता को आज तक जेडीए के दस्तावेज और नक्शे की प्रतिलिपि तक नहीं दी गई। प्लाट के कब्जे के इन्तजार में प्रार्थिया के पति की 26 मई 2०11 को मृत्यु हो गई। महिला ने अभियुक्त के खिलाफ फर्जी दस्तावेज बनाकर एडवान्स बुकिंग करने के नाम पर ठगी करने का भी आरोप लगाया है।