जयपुर। राजस्थान की राजनीति में भूचाल लाने वाले फीमेल नर्स भंवरी देवी हत्याकाण्ड की मुख्य साजिशकर्ता इंदिरा विश्नोई को गिरफ्तार कर लिया है। भंवरी देवी के मर्डर के बाद से ही इंदिरा विश्नोई फरार चल रही थी। कई बार छापे मारे गए, लेकिन वह पकड़ में नहीं आई। सीबीआई ने उस पर पांच लाख का इनाम भी घोषित किया था। राजस्थान एटीएस

Bhanwari Devi Murder Case
Bhanwari Devi Murder Case

टीम को सूचना मिलने पर मध्यप्रदेश के देवास में छापा मारकर एक कच्ची बस्ती से इंदिरा विश्नोई को पकड़ा। इंदिरा एक सामान्य से घर में रह रही थी। पुलिस पकड़ में नहीं आ सके, इसके लिए उसने मोबाइल, इंटरनेट का उपयोग नहीं किया। सिर्फ अखबारों और खास परिचित से ही केस की जानकारी लेती रही। जिस घर में इंदिरा पकड़ी गई, उसका मालिक भी जोधपुर का है। बताया जाता है कि पूर्व विधायक मलखान सिंह व रिश्तेदारों ने अपनी बहन को इस शख्स के यहां छिपाया था। इस परिवार को कोई जानता भी नहीं था और ना ही ये जोधपुर आते-जाते थे। भंवरी देवी केस में इंदिरा की गिरफ्तारी बड़ी अहम है। सीबीआई ने इस केस में पूर्व विधायक व मंत्री महिपाल मदेरणा, मलखान सिंह विश्नोई के साथ इसे भी मुख्य साजिशकर्ता माना है।

 

इंदिरा विश्नोई ने ही भाई मलखान सिंह के लिए आफत बनी भंवरी देवी के मार्फत महिपाल सिंह को बदनाम करके मंत्री पद से हटवाने और उसके स्थान पर मलखान सिंह को मंत्री बनाए जाने का षड्यंत्र रचा। भंवरी देवी को विश्वास में लेकर महिपाल मदेरणा के साथ अंतरंग संबंध बनाए और उनकी सीडी बनाकर मदेरणा को ब्लैकमेल करने लगी। हालांकि तब तक महिपाल को इस षड्यंत्र के बारे में पता नहीं था कि इंदिरा विश्नोई व उसके भाई इसमें शामिल है। बाद में सीडी दिखाकर महिपाल को तो ब्लैकमेल किया, साथ ही इंदिरा विश्नोई व मलखान सिंह को भी आंख दिखाने लगी। वे कांग्रेस से टिकट दिलवाए जाने की डिमांड करने लगी। ऐसा नहीं करने पर सीडी को उजागर करने की धमकी देने लगी। इन धमकियों को देखते हुए सीबीआई ने जांच में माना है कि भंवरी देवी का अपहरण करके फिर उसकी हत्या कर दी। इस हत्याकाण्ड में मलखान सिंह, महिपाल मदेरणा, इंदिरा विश्नोई समेत अन्य आरोपी शामिल रहे। अब इंदिरा विश्नोई की गिरफ्तारी के बाद इस केस के षड्यंत्र का पर्दाफाश हो सकेगा। भंवरी देवी मर्डर केस के षड्यंत्र से पर्दा उठ सकेगा कि किस तरह से भंवरी देवी को इस्तेमाल करके सीडी बनाई गई और फिर उस सीडी के माध्यम महिपाल को बदनाम की साजिश की सच्चाई आ सकेंगी। साथ ही भंवरी के मर्डर केस की सच्चाई आएगी, कैसे उसका अपहरण और मर्डर हुआ। छह साल पहले इंदिरा विश्नोई ने बयान दिया था कि सीडी कांड व भंवरी देवी मर्डर केस के बारे में प्रदेश सरकार के बड़े नेताओं की भी जानकारी थी। अगर ऐसा था तो क्यों नहीं सरकार ने जांच करवाई? क्यों भंवरी देवी को सुरक्षा नहीं दी गई? जब वह लापता हो गई तो निष्पक्ष अनुसंधान क्यों नहीं किया गया आदि ऐसे कई सवाल भी जांच के दायरे में आ सकते हैं। राजस्थान एटीएस ने गिरफ्तारी के बाद आज सीबीआई को इंदिरा विश्नोई को सुपुर्द कर दिया है। सीबीआई ने कोर्ट से रिमाण्ड पर लिया है। पूछताछ में बड़े खुलासे होने की संभावना है।

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