नई दिल्ली। देश की जीडीपी के मामले में कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को मोदी सरकार पर करारा हमला बोला। राहुल गांधी ने कहा कि देश में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है, जीडीपी लगातार गिरती जा रही है, केंद्र अपनी नाकाम छिपाने के लिए अलग तरह के मुद्दे उठा रहा है। ताकि देश के लोगों का ध्यान इस ओर तनीक भी जाए। युवाओं के लिए रोजगार सृजन व जीडीपी के मामले में मोदी सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है। आज देश के युवा रोजगार के लिए भटक रहे हैं। केन्द्र के जारी आंकड़ों से यह साफ बयां हो रहा है कि देश की जीडीपी में वृद्धि होने के बजाय गिरावट ही देखने को मिली है। देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 7 से घट कर 6.1 पर आ टिकी है। राहुल गांधी ने टवीट किया जीडीपी की गिरती स्थिति से ध्यान हटाने के लिए सरकार अलग तरह के मुद्दों को हवा दे रही है। आंकड़े बता रहे हैं कि 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के फैसले से उस वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में विकास की दर गिरी। जिससे जीडीपी ग्रोथ घटकर 6.1 रह गई। उस दरम्यान सरकार ने उम्मीद की थी कि इस वित्तीय वर्ष में देश की जीडीपी 7 फीसदी के ऊपर जाएगी। उत्पाद व सेवा क्षेत्र में कमजोर तरीके से प्रदर्शन के कारण देश की आर्थिक विकास दर कम आई। वर्ष 2015-16 में जीडीपी 8 प्रतिशत व उससे पहले वाले फिस्कल में 7.5 फीसदी थी। इस बार तो 2016-17 में देश की जीडीपी ग्रोथ दर दो साल के मुकाबले कम रही है। इसी तरह कांग्रेसी नेता पीएल पुनिया ने भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार तो जीडीपी को 8 तक पहुंचाने के दावे कर रही थी। लेकिन उनके दावों की हवा निकल रही है। ग्रोथ रेट बढऩे के बजाय घटती ही नजर आ रही है। देश के सामने सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था की सही तस्वीर रखें। हालांकि कांग्रेसी नेताओं के इन हमलों पर मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने सरकार का बचाव किया और कहा कि 7.1 की ग्रोथ दर एक बेहतर ग्रोथ दर है। नोटबंदी से तत्कालिक तौर पर प्रभाव डाला, लेकिन जल्द ही जीडीपी में सुधार आएगा।

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