जयपुर। राज्य सरकार की महत्वपूर्ण फ्लैगशिप योजना मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना‘‘ में उद्यमियों, वित्तीय संस्थानों एवं बेरोजगार युवाओं की मांग के अनुरूप आवश्यक संशोधन किया गया है। योजना में अब विनिर्माण एवं सेवा इकाईयों के लिए कम्पोजिट ऋण के साथ अकेले सावधि ऋण को भी ब्याज अनुदान हेतु पात्र माना है । अब व्यवसायिक इकाईयों के लिए कम्पोजिट ऋण, सावद्यी ऋण अथवा कार्यशील पूंजी (अधिकतम 25 लाख रूपये) ब्याज अनुदान हेतु प्राप्त होगी । योजना में ऋण राशी के अधिकतम 25 प्रतिशत तक भूमि क्रय हेतु लिए गये ऋण को भी पात्र माना गया है।
उद्योग विभाग की आयुक्त अर्चना सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व में इस योजना में ब्याज अनुदान की सुविधा केवल कम्पोजिट ऋण, जिसमें सावधि ऋण एवं कार्यशील पूंजी सम्मिलित है, पर ही देय थी। उद्यमियों द्वारा मांग की गई थी कि अनेक उद्यमों की स्थापना अथवा विस्तार आदि के लिए कम्पोजिट ऋण की आवश्यकता न हो कर अकेले सावधी ऋण अथवा अकेली कार्यशील पूंजी की आवश्कता रहती है । योजना की कम्पोजिट ऋण की शर्त के कारण बैंकों से ऋण लेने वाले आवेदकों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था ।
उन्होंने बताया कि योजना मे संशोधन से उद्यमियों की ऋण संबंधित कठिनाईयां दूर होगी तथा उद्यमियों को उद्यम स्थापना हेतु कम ब्याज पर ऋण मिल सकेगा। योजना को 1 सितम्बर से पूर्णतः आॅंनलाईन कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के तहत नये उद्यमों की स्थापना एवं पूर्व संचालित उद्यमों के विस्तार,विविधीकरण अथवा आधुनिकीकरण के लिए 10 करोड़ रू तक के ऋण पर 5 से 8 प्रतिशत तक ब्याज अनुदान दिये जाने का प्रावधान है।

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