चैन्नई। तमिलनाडू के राजनीतिक हलकों में जारी रस्साकशी का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार की सुबह स्थानीय पुलिस व राजस्व अधिकारियों की टीम आखिरकार सुबह 6 बजे महाबलीपुरम के समीप उस लग्जरी रिसोर्ट पर पहुंच ही गई। जहां एआईएडीएमके के 120 विधायकों को ठहराया गया। इस दौरान टीम के सदस्यों ने प्रत्येक विधायक से अलग-अलग मुलाकात की और उनके ठहरने के बारे में पूछताछ की। गौरतलब है कि पूर्व सीएम पन्नीरसेल्वम ने आरोप लगाया था कि शशिकला ने अपना बहुमत साबित करने के लिए जबरन इन विधायकों को रोक रखा है। उनको अगवा कर लिया गया है। सूत्रों ने बताया कि हाईकोर्ट के फैसले के चलते टीम ने हर विधायक से अलग-अलग बात की। साथ ही उनसे व्यक्तिगत रुप से लिखित में जवाब लिया कि वे क्यों और किस की मर्जी से रिसोर्ट में ठहरे हैं। टीम को जो जवाब मिलाा उसे अब वे न्यायालय के समक्ष दाखिल करेंगे। इधर रिसोर्ट में ठहरने को लेकर विधायकों के मत अलग-अलग देखने को मिले। दो विधायकों ने स्वयं की मर्जी से ठहरे तो एक अन्य विधायक रामालिंगम ने बताया कि पन्नीरसेल्वम खेमे से मौत की धमकी मिली तो सुरक्षा के लिहाज से वे यहां आ गए। विधायकों का दावा था कि पन्नीरसेल्वम स्वयं कभी पार्टी के प्रति वफादार नहीं रहे। गर्वनर का न्यौता मिलने के साथ ही वे शशिकला सरकार बनाने में सहयोग देंगे।

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