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जयपुर। राजस्थान देश का पहला राज्य है, जहां पर सरकार में जवाबदेही तथा पारदर्शिता बढ़ाने के लिए जन सूचना पोर्टल जैसा नवाचार किया गया है। यह पहल पूरे देश में नजीर के रूप में सामने आएगी और इससे अन्य राज्यों को भी प्रेरणा मिलेगी। सरकार, सिविल सोसायटी तथा आमजन के बीच में डिजीटल संवाद का यह एक महत्त्वपूर्ण मंच साबित होगा। यह विचार ’जन सूचना पोर्टल’ के शुभारम्भ कार्यक्रम में शुक्रवार को बिड़ला ओडिटोरियम में “सूचना प्रौद्योगिकी एवं जन सशक्तिकरण“ पर परिचर्चा के दौरान विभिन्न वक्ताओं ने रखे।

इस अवसर पर सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के आयुक्त अम्बरीश कुमार ने स्वागत उद्बोधन कहा कि इस जनसूचना पोर्टल का उद्देश्य आम जन को सरकार से संबंधित अधिकाधिक सूचनाएं निष्पक्ष और आसान तरीके से उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में पोर्टल पर लगभग 13 विभागों की 23 योजनाओं से संबंधित जानकारियां उपलब्ध होंगी।
पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु ने इस अवसर पर कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण में यह पोर्टल एक महत्त्वपूर्ण कदम साबित होगा। उन्होंने कहा इस पोर्टल के माध्यम से सूचना का अधिकार अधिनियम और अधिक सशक्त बनेगा क्योंकि यहां आम जन को बिना मांगे ही सूचनाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि सरकार जो भी कार्य करती है उसे जानने का अधिकार हर नागरिक को है, ऎसे में यह पोर्टल उनके जानने के अधिकार को सुरक्षित बनाएगा।

कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता सुशीला देवी ने कहा कि जानने के अधिकार का सपना अब सच हो गया है। उन्होंने कहा कि गांवों में जन सूचना की मशीन सार्वजनिक स्थानों पर लगनी चाहिये, जिससे वह सभी की पहुंच में हो और उसका इस्तेमाल कम पढ़ा लिखा व्यक्ति भी कर सके।
सत्र में पूर्व सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह ने कहा कि इस पोर्टल की शुरुआत कर राज्य ने देश में इतिहास कायम किया है। यह शुरुआत अब केन्द्र तथा अन्य राज्यों में भी होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से न केवल सरकार के काम-काज में पारदर्शिता आयेगी, बल्कि लोकसेवकों की जवाबदेही भी तय होगी तथा आर टी आई का काम भी आसान होगा।

परिचर्चा के दौरान श्री के राजू ने कहा कि कोई भी लोक नीति अपने सम्पूर्ण रूप में लागू होने तक कई चरणों से गुजरती है। इसी तरह यह पोर्टल आरटी आई की क्रियान्विति में एक महत्त्वपूर्ण चरण साबित होगा। इस पोर्टल की उपयोगिता ज्यादा से ज्यादा तब होगी जब विभाग आम आदमी के दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर सूचना उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि यह पोर्टल ऎसा हो जिसकी सूचनाएं न केवल आम जन बल्कि लोक सेवक, सिविल सोसाइटी, स्थानीय निकाय और मीडिया के भी उपयोग की हो। प्रोफेसर (सेवानिवृत) श्री जगदीप एस. चोकर ने कहा कि यह पोर्टल एक क्रान्तिकारी शुरुआत है और जनता के हित से जुड़ा है।

इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता श्री संदीप पांडे ने कहा कि आरटीआई अधिनियम से सरकार की मानसिकता में बदवाव आया है। उन्होंने इस पोर्टल को जनता की जीत बताते हुए कहा कि यह पहली बार हुआ है कि एक प्लेटफार्म पर विभागों की सभी सूचनाएं सार्वजनिक रूप से बिना मांगे उपलब्ध होंगी। सामाजिक कार्यकर्ता श्री सरफराज शेख ने कहा कि सरकार में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए यह एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि सिलिकोसिस जैसी गंभीर बीमारी के मरीजों से संबंधित जानकारियां भी इस पोर्टल पर उपलब्ध हैं।

सत्र का संचालन करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता श्री निखिल डे ने कहा कि इस पोर्टल की विशेषता है कि बिना आरटीआई आवेदन किये आमजन के लिए सूचनाएं उपलब्ध हैं। यह पोर्टल आरटीआई अधिनियम को और सशक्त करने का काम करेगा।इससे पहले सत्र की शुरुआत में अहमदाबाद के विनय कुमार एवं उनकी टीम द्वारा आरटीआई गीत की प्रस्तुति भी दी गई। कार्यक्रम में मंत्री, विधायक, जनप्रतिनिधि, उच्च अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता तथा बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे।

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