जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के गांव-ढाणी में रहने वाले बच्चे भी डॉक्टर-इंजीनियर, साइंटिस्ट तथा रिसर्च स्कॉलर जैसे उत्कृष्ट मानवीय संसाधन के रूप में तैयार हो सकें, इस उद्देश्य से दूरस्थ क्षेत्रों तक उच्च एवं तकनीकी शिक्षा का प्रसार करना हमारी प्राथमिकता है।
गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के ई-लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर करीब 62 करोड़ की लागत से उच्च शिक्षा के 9 राजकीय महाविद्यालयों तथा रूसा भवन एवं करीब 23.22 करोड़ की लागत से तकनीकी शिक्षा के 10 राजकीय इंजीनियरिंग एवं पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों में नवनिर्मित भवनों, बालिका छात्रावास, अनुसूचित जाति एवं जनजाति बालिका छात्रावास, लैब, नवीन आधारभूत संरचनाओं एवं तीन नवाचारों आनंदम पाठ्यक्रम, ई-कंटेट तथा पॉलीटेक्निक कॉलेज में सेमेस्टर प्रणाली का ई-लोकार्पण किया।
गहलोत ने कहा कि बीते करीब डेढ़ साल में 87 नए सरकारी महाविद्यालय खोलने का जो अभूतपूर्व काम हुआ है, वह उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के हमारे दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। इसके साथ ही कोरोना के इस संकटकाल में भी ऑनलाइन टीचिंग तथा ई-कंटेंट जैसे नवाचारों को अपनाकर विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री प. जवाहरलाल नेहरू ने आईआईटी, एम्स, इसरो, डीआरडीओ, योजना आयोग जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों की स्थापना के साथ ही देश में आधुनिक शिक्षा की नींव रखी। साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के समय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के गठन और सूचना क्रांति जैसे फैसलों से शिक्षा का ढांचा मजबूत हुआ। आज हमारे आईटी एक्सपर्ट दुनिया में अपने कौशल का लोहा मनवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 को लेकर राज्य सरकार ने प्रारंभ से ही हर वर्ग को साथ लेकर फैसले किए हैं। अब 15 सितम्बर को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से ग्राम पंचायत स्तर तक लोगों से संवाद किया जाएगा।
तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि कोविड-19 जैसे चुनौतीपूर्ण वक्त में भी राजस्थान सुशासन के मॉडल के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि कोई भी भूखा न रहे के साथ ही हमारा ध्येय यह भी बन गया है कि किसी भी विद्यार्थी को पढ़ाई से वंचित न रहना पड़े।

प्रदेश के इंजीनियरिंग एवं पॉलीटेक्निक कॉलेजों तथा तकनीकी संस्थानों में 40 हजार से अधिक ई-कंटेट तैयार कर विद्यार्थियों को शिक्षा से लगातार जोड़े रखा गया है। देश के कई राज्यों के विद्यार्थी भी इनका उपयोग कर रहे हैं। पॉलीटेक्निक कॉलेजों में सेमेस्टर पद्धति शुरू करने के साथ ही तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में डाटा साइंसेज, आर्टिफिशल इंटेलीजेंस तथा रोबोटिक्स के नए कोर्सेज भी प्रारंभ किए जा रहे हैं।
उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवरसिंह भाटी ने कहा कि सरकार की नीति रही है कि सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को उनके घर के नजदीक ही उच्च शिक्षा ग्रहण करने के अवसर उपलब्ध हों। इस उद्देश्य से बीते करीब ड़ेढ़ साल में बड़ी संख्या में तहसील एवं उपखंड मुख्यालयों पर नए कॉलेज खोलने के साथ ही, नए कोर्सेज संचालित करने तथा पहले से स्थापित कॉलेजों का क्रमोन्नयन भी किया गया है।
नवलगढ़ विधायक डॉ. राजकुमार शर्मा ने नवलगढ़ (झुंझुनूं) के आर.आर. मोरारका राजकीय महाविद्यालय के भवन के निर्माण के लिए भामाशाह गौतम मोरारका का आभार व्यक्त किया। डॉ. शर्मा ने कहा कि इसके माध्यम से उन्होंने अपनी मातृभूमि में शिक्षा के प्रसार के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

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