जयपुर। एसएमएस अस्पताल के मुख्य भवन और ट्रोमा सेंटर के बीच बनाये जा रहे अंडरपास निर्माण की राह उस समय खुल गई जब राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश एम.एन. भंडारी की एकलपीठ ने जेडीए को निर्माण कार्य पुन: चालू करने की छूट देते हुए मामले में 31 अगस्त को दिये गये स्टे को वापस ले लिया। इस संबंध में जेडीए ने प्रार्थना पत्र पेश कर हाईकोर्ट को बताया कि जन कल्याण के लिए यह कार्य किया जा रहा है। अंडरपास का निर्माण सरकारी जमीन पर ही किया जा रहा है।
याचिकाकर्ता मंदिर ठाकुर श्रीरामचन्द्गजी की ओर से याचिका दायर कर हाईकोर्ट को बताया था कि 1899 में तत्कालीन जयपुर स्टेट ने मंदिर को एक बीघा जमीन आवंटित की थी। 1934 में एसएमएस अस्पताल के निर्माण के लिए जमीन का बड़ा हिस्सा ले लिया गया। तत्कालीन स्टेट कौंसिल ने इसके बदले जमीन या मुआवजा देने के आदेश दिए, लेकिन आज तक ना तो जमीन दी गई और ना ही कोई मुआवजा दिया। मंदिर की भूमि पर ही पुलिस चौकी बनी हुई है। अब पुलिस चौकी को हटाया जा रहा है। बीसलपुर पाईप लाईन को भी शिफ्ट जा रहा है।