Signs of the Reserve Bank meeting are being used with caution: report

नयी दिल्ली। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के विवरण से पता चलता है कि अगली बैठक में नीतिगत दर में बदलाव की उम्मीद काफी कम है। कोटक इकोनॉमिक रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार, महंगाई के बढ़ने की आशंका के कारण नीतिगत दर में बदलाव की उम्मीद काफी कम है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई के दबाव के अतिरिक्त वित्तीय सुस्ती और वैश्विक बाजार में उथल-पुथल की आशंकाओं से समिति के कुछ सदस्य चिंतित हो सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘समिति की अक्तूबर की बैठक के विवरण से संकेत मिलते हैं कि महंगाई बढ़ने की आशंका के कारण अधिकांश सदस्य सतर्कता बरतेंगे।’’ आर्थिक वृद्धि के चालू वित्त वर्ष के उत्तरार्द्ध में सुधरने की उम्मीद के बावजूद क्षमता का कम दोहन, कंपनियों पर ऋण का दबाव और बैंकिंग क्षेत्र में संकटग्रस्त संपत्तियां आदि वृद्धि के समक्ष संरचनात्मक रुकावटें पैदा करेंगे।रिपोर्ट में आशंका जताई गई कि इस वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई 3.3 प्रतिशत के औसत के आस-पास रहेगी। इससे पता चलता है कि महंगाई ऊपर चढ़ने को अग्रसर है। मूल महंगाई के भी 4.5 प्रतिशत के आस-पास रहने की आशंका है।रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘रिजर्व बैंक ने टिकाऊ आधार पर महंगाई की दर का लक्ष्य चार प्रतिशत तय किया है। इससे पता चलता है कि निकट भविष्य में नीतिगत सरलीकरण की उम्मीद कम है बशर्ते आंकड़े आश्चर्यजनक तौर पर नीचे न उतर जाएं।’’ उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने बढ़ती महंगाई और घटती आर्थिक वृद्धि के मद्देनजर इस महीने की शुरुआत में हुई नीतिगत समीक्षा बैठक में ब्याज दर अपरिवर्तित रखा था।

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