Delhi| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुरु रामकृष्ण मठ और मिशन के अध्यक्ष आत्म आस्थानंद जी महाराज का सोमवार को अस्पताल निधन हो गया। वो लंबे समय से बिमारियों से पीडित चल रहे थे। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी जब कोलकाता गये तब अपने गुरू के चरणों में बैठकर उनसे आर्षीर्वाद लिया था। इनके नेतृत्व में भारत, नेपाल और बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में आई प्राकृतिक आपदा के दौरान बड़े राहत अभियान चलाए गए थे उनकी उम्र 98 साल थी। उम्र की वजह से वो बीमार रहते थे। फरवरी 2015 से ही उनका लगातार इलाज चल रहा था।

रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन, बेलूर मठ ने एक बयान में कहा कि अच्छा इलाज होने के बावजूद उनकी स्थिति पिछले कुछ सालों ठीक नहीं हो रही थी। बीमारी के चलते उनका रामकृष्ण मिशन सेवा प्रतिष्ठान अस्पताल में शाम में साढे पांच बजे निधन हो गया। एक जानकारी के अनुसार उनका अंतिम संस्कार मंगलवार रात साढ़े नौ बजे बेलूर मठ में किया जाएगा, बेलूर मठ उनके अंतिम संस्कार पूरा होने तक खुले रहेंगे, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आस्थानंद जी महाराज के निधन से गहरा आघात लगा है। उन्होंने ट्विट करके बताया कि इससे उन्हें व्यक्तिगत नुकसान हुआ। मैं मेरी जिंदगी के सबसे महत्पूर्ण समय में उनके साथ रहा था। पीएम मोदी अपनी युवावस्था में संन्यासी बनने के लिए बेलूर मठ गए थे। वहां उनके अनुरोध को स्वीकार नहीं किया गया था। उनसे कहा गया था कि उनकी जरूरत दूसरी जगह हैं। बाद में उन्हें राजकोट, गुजरात में स्वामी आत्म आस्थानंद का आध्यात्मिक मार्गदर्शन मिला। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी स्वामीजी के निधन पर शोक जताया है।

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