High Court responds to clean sweeper's job

जयपुर। हाईकोर्ट में 52 साल पूर्व 1956 से लंबित महाराजा किशनगढ़ मिल्स कंपनी के प्रकरण को अब राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश एस पी शर्मा की एकलपीठ ने निस्तारित कर दिया है। हाईकोर्ट ने आदेश में कहा है कि कंपनी दशकों पहले भंग हो चुकी है। जिसकी संपत्ति का निस्तारण भी हो चुका है। वहीं कब्जा खाली कराने के प्रार्थना पत्र भी खारिज हो चुके हैं। जिनकी खंडपीठ में अपील चल रही है। ऐसे में याचिका पर सुनवाई की अब कोई आवश्यकता नहीं है।
मामले के अनुसार कंपनी बंद करने को लेकर 1956 में कंपनी पिटिशन पेश हुई थी। हाईकोर्ट ने 11 अप्रैल, 1958 को कंपनी बंद करने के आदेश को सही माना। वहीं ऑफिस लिक्विडेटर ने 11 जनवरी, 2०11 को संबंधित संपत्ति भी कंपनी को सौंप दी। एक सितंबर, 2०17 को हाईकोर्ट ने याचिका में पेश सभी प्रार्थना पत्रों को भी निस्तारित कर दिया। ऑफिस लिक्विडेटर ने 64 हजार रुपए कॉमन पूल फंड में जमा करा दिए थ्ो।

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