जयपुर। 1० साल पहले 13 मई, 2००8 को जयपुर में आठ स्थानों पर हुए बम धमाकों के दर्द की आज बरसी है। एक ही घटना को लेकर जयपुर पुलिस के अलग-अलग आठ एफ.आई.आर. दर्ज कर 8 चालान पेश किए गए। करीब 1००० गवाहों की सूची पेश की गई। इनमें से 3० प्रतिशत गवाह तो पुलिस महकमे, जिला प्रशासन व विशेषज्ञ हैं, जो सब केसों में एक समान हैं। पीडितों को जल्द न्याय के लिए राज्य सरकार की सिफारिश पर राजस्थान हाई कोर्ट प्रशासन ने बम धमाकों की स्पेशल कोर्ट का गठन किया और स्पेशल कोर्ट को शुरु में केवल उक्त आठ मुकदमे ही दिए गए। इन आठों मुकदमों में आरोपियों पर चार्ज तय हो चुके हैं और आज तक ट्रायल चल रही है। बम धमाकों के इन केसों में पीड़ितों को अभी तक न्याय नहीं मिल पाया है क्योंकि एक भी मुकदमें फैसला नहीं हुआ है।

हाई कोर्ट प्रशासन ने 8 मई को जज लक्ष्मी दत्त किराडू को इस स्पेशल कोर्ट में नियुक्त किया है और उन्होंने कार्यभार भी संभाल लिया है। पूर्व जज सप्ताह में केवल गुरुवार, शूक्रवार एवं शनिवार को ही सुनवाई कर रहे थ्ो। अब नये जज सोमवार के अलावा प्रतिदिन सुनवाई करेंगे। बम धमाकों के एक मुकदमें 2/2०1० में केवल 5 गवाहों के बयान होना बाकी है। 2 ए/2०1० केस में 91 गवाहों के बयान हो चुके है तथा 35 श्ोष है। पीपी विनोद शर्मा का कहना है कि इस साल एक मुकदमें में कोर्ट फैसला सुना देगी।

गौरतलब है कि गुलाबी नगरी को लाल करने वाले इन अपराधों के आरोप में पुलिस केवल पांच आरोपियों शाहबाज हुसैन, मोहम्मद सैफ, सरवर आजमी, सैफुर्रहमान एवं सलमान को ही गिरफ्तार कर सकी है। इसके अलावा फरार चार आरोपियों शादाब, आरिज, मोहम्मद खालिद एवं साजिद को जयपुर पुलिस आज तक गिरफ्तार ही नहीं कर पाई है। इनमें से एक आरोपी आरिज को एनआईए पकड चुकी है, लेकिन एटीएस राजस्थान उसे राजस्थान लाने का कोर्ट में अभी तक कोई अर्जी ही पेश नहीं की है। मामले में दो आरोपियों की दिल्ली में हुए बाटला हॉउस एनकाउन्टर में मौत हो चुकी है।

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