जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने गणेश नगर में सोसायटी की ओर से आवंटित 2 बीघा सात बिस्वा जमीन को लवकुश नगर के पार्क की भूमि के रूप में चिन्ह्ति करने की जेडीए कार्रवाई को गलत माना है। अदालत ने नगर निगम को कहा है कि वह आवंटियों से शुल्क लेकर भूमि का नियमन करे। न्यायाधीश मनीष भंडारी की एकलपीठ ने यह आदेश जगदीश व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। अदालत ने याचिका पर सुनवाई पूरी करते हुए गत नवंबर माह में फैसला सुरक्षित रख लिया था।
याचिका में कहा गया कि जेडीए ने वर्ष 2001 में गणेश नगर की इस भूमि को लवकुश नगर के पार्क के रूप में चिन्हिृत किया था। वहीं जेडीए न्यायाधिकरण ने देरी से याचिका पेश करने के आधार पर वर्ष 2009 में याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज कर दिया था। इस आदेश को याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गई।