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जयपुर, 24 मार्च। राजस्थान हाईकोर्ट ने भारतीय सेना के पूर्व सैनिक को मृत मानकर उसकी भूमि का हस्तान्तरण कथित पत्नी को करने पर सीकर कलक्टर, एसडीएम श्रीमाधोपुर, तहसीलदार, लैंड सेटलमेंट अधिकारी सहित एक अन्य मालीदेवी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। इसके साथ ही अदालत ने भूमि के उत्तराधिकार को लेकर निचली अदालत में चल रही कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी है। न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश प्रहलाद सिंह की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में अधिवक्ता अनुराग कलावटिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता वर्ष 1961 में भारतीय सेना में शामिल होकर भारत-पाक युद्ध और भारत-चीन युद्ध में शामिल हुआ था। वहीं 1972 में उसने सैन्य सेवा छोड दी। याचिकाकर्ता को अपने पिता से उत्तराधिकार में श्रीमाधोपुर के हरका बास में करीब 12 बीघा भूमि मिली थी। याचिका में कहा गया कि मालीदेवी की मां कोशल्या देवी ने अपने आप को याचिकाकर्ता की विधवा बताते हुए वर्ष 1988 में सेटलमेंट विभाग से यह जमीन अपने नाम करवा ली। जबकि याचिकाकर्ता ने आज तक विवाह ही नहीं किया है। इसके बाद वर्ष 1999 में कोशल्या की भी मौत हो गई।

याचिका में कहा गया कि कोशल्या देवी की बेटी मालीदेवी ने कुछ साल पहले इस भूमि का स्वामित्व अपने नाम करने के लिए निचली अदालत में दावा पेश किया। निचली अदालत के कोर्ट कमिश्नर की ओर से मौके का दौरा करने पर याचिकाकर्ता को जमीन का स्वामित्व कोशल्यादेवी के नाम पर होने की जानकारी मिली। याचिका में गुहार की गई है कि उसे जीवित मानते हुए भूमि के स्वामित्व के संंबंध में रिकॉर्ड को दुरुस्त किया जाए।
जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए निचली अदालत की कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी है।

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