Five militant piles in the encounter in Kashmir, Garuda commandos martyrs of Air Force

delhi.रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा विनिर्माण में निजी क्षेत्र की और अधिक सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया है, ताकि वर्ष 2025 तक 26 अरब डॉलर का भारतीय रक्षा उद्योग सुनिश्चित करने के सरकारी लक्ष्‍य को प्राप्‍त किया जा सके। श्री राजनाथ सिंह आज नई दिल्‍ली में 22वें इंडिया इं‍टरनेशनल सिक्‍योरिटी एक्‍सपो 2019 (रक्षा एवं मातृभूमि सुरक्षा) के अवसर पर उद्योग जगत की हस्तियों को संबोधित कर रहे थे। उन्‍होंने समावेशी विकास के साथ-साथ वर्ष 2025 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनाने के सरकारी लक्ष्‍य की फिर से पुष्टि की। उन्‍होंने यह भी कहा कि रक्षा क्षेत्र इस लक्ष्‍य की प्राप्ति में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभायेगा। श्री सिंह ने कहा, ‘हमारा लक्ष्‍य एक ऐसा विश्‍वस्‍तरीय घरेलू रक्षा उद्योग बनाना है जो आत्‍मनिर्भर होने के साथ-साथ आयात पर कम निर्भर हो।’

रक्षा मंत्री ने विशेष बल देते हुए कहा कि ‘न्‍यूनतम सरकार और अधिकतम शासन’ की मौजूदा व्‍यवस्‍था में सरकार एक सुविधाप्रदाता की भूमिका निभाती है तथा उद्योग का कर्तव्‍य है कि वह मिल-जुलकर काम करे, ताकि ‘नये एवं मजबूत भारत’ के विज़न को साकार किया जा सके। उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि औद्योगिक साझेदार ठोस निवेश करने के साथ-साथ रक्षा से संबंधित प्रभावकारी तकनीकी प्रस्‍ताव पेश करेंगे और इसके साथ ही इस क्षेत्र में उपलब्‍ध कारोबारी अवसरों से लाभ उठायेंगे। उन्‍होंने कहा कि इस प्रणाली को निवेशक अनुकूल बनाने की आवश्‍यकता है। यही नहीं, निजी क्षेत्र की अपेक्षाकृत अधिक भागीदारी के साथ रक्षा उत्‍पादन में वृद्धि के लिए अनुकूल माहौल बनाने की भी जरूरत है।
राजनाथ सिंह ने रक्षा उद्योग को आश्‍वासन दिया कि सरकार नये विचारों का स्‍वागत करती है और निजी क्षेत्र की उद्यमिता भावना एवं ऊर्जा का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने कहा, ‘एक मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक के रूप में सरकार विभिन्‍न मुद्दों एवं समस्याओं पर भी स्पष्ट चर्चा करने के लिए तैयार है।’ रक्षा मंत्री ने विश्‍वास जताया कि भारतीय रक्षा उद्योग नई ऊंचाइयों को छुएगा और भारत को एक प्रमुख रक्षा विनिर्माण केन्‍द्र में तब्‍दील कर देगा। श्री राजनाथ सिंह ने 5-8 फरवरी के दौरान लखनऊ में आयोजित किये जाने वाले डेफएक्‍सपो 2020 में भाग लेने के लिए देशी-विदेशी रक्षा निर्माताओं को आमंत्रित किया। रक्षा मंत्री ने कॉरपोरेट टैक्‍स में कटौती करने के हालिया निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह कदम आर्थिक विकास एवं निवेश की गति बढ़ाने की सरकारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। राजनाथ सिंह ने भारतीय उद्योग की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्‍य से ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत रक्षा मंत्रालय द्वारा हाल ही में उठाये गये कई कदमों को भी रेखांकित किया, जिनमें स्‍टार्ट-अप्‍स और एमएसएमई से संबंधित कदम भी शामिल हैं। उन्‍होंने यह भी कहा कि घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीपीपी) 2016 को संशोधित किया गया है।

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